दुकानदार नरेंद्र कुमार खटीक ने वीडियो में कहा कि ५० साल से दुकान का संचालन किया जा था। आपसी रंजिश के कारण $कण्डेश्वर ट्रस्ट अध्यक्ष और क्षेत्रीय विधायक द्वारा अतिक्रमण हटाया गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए कोई सूचना और नाटिस नहीं आए है। रविवार की सुबह अतिक्रमण हटाने के लिए मशीने आई है। दुकानदार ने वीडियो में कहा कि दोनों की नजर कुण्डेश्वर के विकास की राशि पर नजर है। १६ दुकानें सड़क के किनारे बनी है। उन पर काई कार्रवाई नहीं की गई है। उसमें से कुछ ५ दुकानें कुण्डेश्वर ट्रस्ट अध्यक्ष नंदकिशोर दीक्षित की है।
इनकी दुकानों को हटाने की जगह किया गया क्षतिग्रस्त
दुकानदारों का कहना था कि प्रशासन द्वारा कोई नोटिस की कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही रविवार की सुबह तक कोई अतिक्रमण हटाने की हलचल थी। सुबह 9 बजे नवोदय विद्यालय से लेकर जुडावन रोड तक अतिक्रमण हटाया गया है। जिसमें दीपक पाल, बालचंद्र रजक, नरेंद्र ठाकुर, रोशन अली, रविंद्र राय, राजेश राय, गोपाल विश्वकर्मा, सिकंदर अली, बादशाह अली, कमलेश खटीक, आलोक चतुर्वेदी, कल्लू यादव, मुखिया यादव, जयराम नाथ, बृजेश अहिरवार, सादिक मोहम्मद, सत्येंद्र यादव, घनश्याम विश्वकर्मा, पिंकी पटेरिया, देवी नायक, अंडर खटीक, लियाकत अली, आनंद राय, गगन कड़ा, इरफ ान मोहम्मद, महेंद्र खटीक, भगत राम सेन, सोनू सेन, उमेश अहिरवार के साथ अन्य की दुकानों को हटाने की जगह क्षतिग्रस्त कर दी गई है।
इन पर की गई धारा १५१ की कार्रवाई
बगैर नोटिस के नवोदय विद्यालय से जुडावन रोड़ तक का अतिक्र मण हटाया गया है। इस कार्रवाई में चार लोगों द्वारा विरोध किया गया। उनके द्वारा अतिक्रमण हटाने के दस्तावेज मांगे गए। कार्रवाई नहीं रोककने पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की धमकी दी गई। जिसको लेकर एसडीएम सीनी पटेल और पुलिस ने नंदराम यादव, सत्येंद्र यादव, नरेंद्र खटीक, महेश खटीक को थाना कोतवाली भेज दिया है।
प्रशासन को करना पड़ा विरोध का सामना
दर्जनों दुकानदारों का सड़क पर दुकानों के संचालन पर ही परिवार का भरण पोषण होता था। लेकिन प्रशाासन ने बिना सूचना दिए दुकानों को हटाने की जगह क्षतिग्रस्त कर दिया है। लेकिन उनके द्वारा चहेतों की दुकानों को नहीं तोड़ा गया है। जिसको लेकर एसडीएम और पुलिस प्रशासन को विरोध का सामना करना पड़ता। पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पत्रकारों से चर्चा करते हुए एसडीओपी कृष्णपाल सिंह ने कहा कि अतिक्रमण शांतिपूर्ण तरीके से हटाया गया है। अतिक्रमण हटाने में वहां के रहवासियों का सहयोग भी रहा है। इस कार्रवाई में जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन भी रहा है। इसके साथ ही एसडीएम सीपी पटेल का कहना था कि डेढ महीना पहले नोटिस दिए गए थे। चार दिनों से भी सूचनाएं दी जा रही है। सड़क किनारे रखी दुकानों को हटाया गया है।