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यहां शराब दुकानों को ठेके पर नहीं ले रहा कोई, क्यों?

locationटीकमगढ़Published: Mar 24, 2019 12:50:12 am

यूपी से लगी दुकानों के कारण नहीं है ठेकेदारों का रूझान

No one is taking wine shops on contract, why?

No one is taking wine shops on contract, why?

टीकमगढ़. तीन ओर से उत्तर प्रदेश से घिरे निवाड़ी जिले को शराब दुकानों के लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे है। उत्तर प्रदेश में शराब की कीमतें कम होने से यहां की दुकानों को लेने के लिए ठेकेदार रूझान ही नहीं दिखा रहे है। यही कारण है कि नवीनीकरण की तिथि निकलने के बाद पहले टेंडर में भी किसी ठेकेदार ने एक भी दुकान नहीं ली है। अब विभाग ने इसके लिए दूसरी बार टेंडर जारी कर दिया है। वहीं टीकमगढ़ जिले के 13 समूहों का नवीनकरण एवं विक्रय किया जा चुका है।
मार्च अब समापन की ओर है। अप्रैल के पहले आबकारी विभाग को सभी शराब दुकानों का नवीनीकरण करना है। शासन से अनुमति के बाद इसके लिए आबकारी विभाग ने काम भी शुरू कर दिया है। इस बार टीकमगढ़ जिले का विभाजन होने के बाद आबकारी विभाग की दुकानें निवाड़ी और टीकमगढ़ जिले में बांट दी गई है। टीकमगढ़ जिले में इस बार कुल 15 समूहों का नवीनीकरण किया जाना था, इनमें से 12 को जहां 20 प्रतिशत अधिक पर नवीनीकृत कर दिया गया है, वहीं 1 समूह को लॉटरी सिस्टम से विक्रय किया जा चुका है।
अब टीकमगढ़ जिले के मैंदवारा एवं बेला समूह बचे हुए है। इनके लिए दूसरे चरण की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। 26 मार्चतक यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। आबकारी विभाग को निवाड़ी जिले के 12 समूहों के लिए खरीदार नही मिल रहे है। निवाड़ी जिला तीन ओर से उत्तर प्रदेश से लगा हुआ है। तीन ओर से उत्तर प्रदेश से घिरे होने के कारण आबकारी के ठेकेदार इस बार आबकारी दुकानों को लेने के पक्ष में नही दिखाई दे रहे है। क्यों कि उत्तर प्रदेश में शराब की कीमतें मप्र से बहुत कम है। वहीं महज 3 से 5 किलोमीटर की दूरी से लगी यूपी की शराब दुकानों के कारण यहां की दुकानें लेना शराब ठेकेदारों के लिए फायदें का काम नही जान पड़ रहा है। यही कारण है कि जहां ठेकेदारों ने नवीनीकरण के लिए कोई आवेदन नही दिया था, वहीं पहली बार की टेंडर प्रक्रिया में भी एक भी समूह के लिए फार्म क्रय नहीं किया गया था। अब विभाग ने दूसरे चरण के टेंडर जारी किए है, लेकिन शनिवार तक इसके लिए भी टेंडर फॉर्म नहीं बिका था।

शासन के निर्देशानुसार शेष समूहों के लिए दूसरे चरण की टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है। इस बार उम्मीद है कि निवाड़ी जिले के लिए ठेकेदार सामने आएंगे। निवाड़ी के यूपी से लगे होने के कारण समस्या हो रही है।
राघवेन्द्र सिंह बुंदेला, सहायक जिला आबकारी अधिकारी, निवाड़ी

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