नगर परिषद में नियमों को ताक पर रख कर किए जा रहे काम किसी से छिपे नही है। एक ऐसा ही मामला नगर परिषद की बाजार बैठकी में की दर में वृद्धि के प्रस्ताव का सामने आया था। विदित हो कि नगर परिषद में बाजार बैठकी की दर में वृद्धि का जो प्रस्ताव पास किया गया था, वह प्रस्ताव 7 फरवरी को पास होना बताया गया है। उस समय नगर परिषद में महादेव अवस्थी सीमएओ थे। लेकिन 7 फरवरी के इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर वर्तमान सीमएओ प्रदीप ताम्रकार द्वारा डाले गए है। जबकि प्रदीप ताम्रकार ने इस प्रस्ताव पास होने के 7 दिन बाद 14 फरवरी को नगर परिषद में अपनी ज्वाईनिंग दी थी। वहीं परिषद के पार्षदों का आरोप था कि परिषद की बैठक में इस प्रकार का कोई प्रस्ताव ही नही लाया गया था। तत्कालीन सीएमओ महादेव अवस्थी ने भी उनके समय में ऐसे किसी प्रस्ताव के पास न होने की बात कहीं थी।
नोटिस हुए जारी: इस मामले में पार्षदों सहित अन्य लोगों ने एसडीएम से शिकायत की थी। इस गंभीर मामले को देखते हुए एसडीएम ने इसकी जांच के लिए एक टीम का गठन किया है। इस टीम में शामिल तहसीलदार ने अब पीआईसी में शामिल नगर परिषद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सहित सभी को नोटिस जारी कर इस मामले में अपना जबाव देने को कहा है। तहसीलदार ने इन सभी को 4 जून तक अपना जबाव देने को कहा है। 4 जून तक जबाव न देने की स्थिति में यह समझा जाएगा कि इस मामले में फर्जीवाड़ा किया गया है। तहसीलदार ने इस मामले में अध्यक्ष रामगोपाल चौरसिया, उपाध्यक्ष गोरेलाल रैकवार, पार्षद राजेंद्र आदिवासी, नीतू सिंह, घनश्याम चढ़ार, उर्मिला देवी कुशवाहा को नोटिस जारी किया है। इन लोगों को 4 जून को सुबह 11 बजे अपना जबाव प्रस्तुत करना है।
पत्रिका ने उठाया था मामला: विदित हो कि नगर परिषद में हुए फर्जीवाड़े का मामला पत्रिका ने सबसे पहले उठाया था। पत्रिका ने अपने 10 मई के अंक में ज्वाइनिंग के 7 दिन पहले ही सीएमओ ने कर दिया प्रस्ताव पास, जांच की मांग, शीर्षक से खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। खबर प्रकाशन के बाद इस मामले को गंभीरता से लेते प्रशासन ने इसकी जांच शुरू कर दी है।