यूनियन बैंक के ग्वालियर रीजनल मैनेजर सीएस पालीवाल ने बैंक के ऋण वितरण अधिकारों पर रोक लगा दी है। सीएम पालीवाल ने बताया कि गलत लोगों को ऋण वितरण करने के कारण एनपीए संख्या बढऩे के कारण यह निर्णय लिया गया है। उनका कहना है अब अप्रैल माह तक कोई भी प्रकरण स्वीकृत नही किया जाएगा। उनका कहना है कि यहां पर योजनाओं के जो भी प्रकरण लंबित है, उनको या तो वापस किया जाएगा या फिर रीजनल ऑफिस बुलाकर उनका परीक्षण कर देखा जाएगा।
यह है ऋण वितरण की स्थिति: इस वर्ष शासन की विभिन्न योजनाओं जैसे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, युवा उद्यमी योजना सहित अन्य योजनाओं के 25 प्रकरण स्वीकृत करने का लक्ष्य बैंक को दिया गया था। इन प्रकरणों में से 13 प्रकरण बैंक द्वारा स्वीकृत किए गए है। बैंक के पास 12 प्रकरण लगभग 6 माह से स्वीकृति के लिए पड़े हुए है। यह प्रकरण स्वीकृत न होने के लिए बैंक प्रबंधन सब्सिडी न आने और लक्ष्य पूरा होने की बात कह रहा है। जबकि बैंक को जब 25 प्रकरणों का लक्ष्य था, इसमें से मात्र 13 प्रकरण ही स्वीकृत हुए है। ऐसे में लक्ष्य पूरा कैसे हो गया समझ से परे है।
3 करोड़ से अधिक है एनपीए की राशि: बैंक में बढ़ रहे एनपीए अकॉउण्ट के विषय में बैंक प्रबंधक बीके शर्मा ने बताया कि बैंक में 3 करोड़ 36 लाख रूपए की राशि एनपीए अकॉउण्ट में है। इसके लिए बैंक द्वारा कुछ समय पूर्व शिविर लगाकर समझौता कर जमा कराने का प्रस्ताव भी ऋणधारकों के समझ रखा गया था। इसके बाद भी यह राशि 3 करोड़ से अधिक बनी हुई है। वहीं इस वर्ष बैंक द्वारा योजनाओं के तहत जो भी ऋण वितरण किए गए है वह सभी बड़ी राशि के ऋण है। बैंक द्वारा 25 लाख रूपए से कम राशि के प्रकरणों को रोका गया है।
पीएमबी स्कैम के बाद लिया निर्णय: रीजनल बैंक द्वारा यह कदम पीएनबी स्कैम के बाद उठाया गया है। इससे इसे सुरक्षा के मद्देनजर उठाया गया कदम भी बताया जा रहा है। बैंक द्वारा अब तक जो भी ऋण वितरण किए गए है वह सभी एक करोड़ या इससे अधिक के है। बैंक में जो एनपीए बढ़ रहे है, वह भी बड़े ऋण के है।
बैंक का लक्ष्य पूरा हो चुका है: बैंक के ऋण वितरण पर लगाई गई रोक के विषय में बैंक प्रबंधक बीके शर्मा का कहना है रीजनल बैंक द्वारा प्रतिबंध नही लगाया है। उनकी ब्रांच का लक्ष्य पूरा होने के कारण इसे रोका गया है। उनका कहना था कि बैंक द्वारा मार्च 18 तक का लक्ष्य पूरा हो चुका है। इसलिए बैंक ने अभी नए प्रकरण स्वीकृत न करने का पत्र दिया है। रीजनल बैंक ऐसा क्या कह रहा है, इस संबंध में मैं कुछ नही कह सकता हूं। हो सकता है कि उन्हें कहीं से कुछ जानकारी मिली हो।
कहते है अधिकारी: बैंक द्वारा कुछ गलत ऋण वितरण किए गए है। इस कारण बैंक का एनपीए बढ़ रहा है। इस कारण अप्रैल माह तक के लिए बैंक के ऋण वितरण पर रोक लगाई है। बैंक में जो भी केस लंबित है, उनका रीजनल से निराकरण किया जाएगा।- सीएस पालीवाल, रीजनल बैंक मैनेजर, ग्वालियर।