वन परिक्षेत्र से काटे गए पेड़ों की विभाग के पास नहीं है जानकारी
टीकमगढ़Published: Sep 14, 2020 08:20:37 am
वनरेंज टीकमगढ़ के भडऱा, बिजरावन, वनगांय के साथ अन्य जंगलों में लगे लाखों पेड़ों की कटाई पट्टों की लालच में की गई है।
Officers placing responsibility on each other to save loved ones
टीकमगढ़.वनरेंज टीकमगढ़ के भडऱा, बिजरावन, वनगांय के साथ अन्य जंगलों में लगे लाखों पेड़ों की कटाई पट्टों की लालच में की गई है। लेकिन दो महीनों बाद भी वन विभाग के वनरेंजर, एसडीओ और डीएफओ को जानकारी नहीं है। वहीं हजारों वन की हजारों एकड़ जंगलों को खाली कर दिया है।
ताजा ही मामला जतारा रोड़ के भडऱा, लार के साथ मोहनगढ़ क्षेत्र के वनगांय, नादिया, कौडिया, पंचमपुरा के सापौन, श्रीनगर, मवई, रायपुर, रौराई और जशवंतनगर के जंगलों को खाली कर दिया है। इस मामले की शिकायत जतारा विधायक के साथ क्षेत्र सैकड़ों ग्रामीणों ने डीएफओ से शिकायत की थी। मामले को लेकर वन अधिकारी ने वनरेंजरों को जांच करने की जिम्मेदारी दी थी। चहेतों के नाम छुपाने के लिए जिम्मेदारों ने कार्रवाई नहीं की है।
काट दिए गए लाखों बेशकीमती पेड़
टीकमगढ़ वनरेंज इन दिनों सुरक्षा से दूरियां बना रहा है। जिसके कारण मोहनगढ़ के विजरावन, वनगांय, मस्तापुर के साथ लार, मजना के भडरा, सपौन, डूडा और बडमाडई खास के वनों में खड़े बेशकीमती पेड़ों को काट दिया गया है। इन स्थानों पर तैनात वनरक्षकों के साथ रेंजर की लापरवाही सामने आ रही है। जिसके कारण जिले के घने जंगलों में मैदान होते जा रहे है। जबकि वनों की कटाई रोकने के लिए भडऱा निवासी दशरथ पाल, धनीराम पांडे, राजेंद्र पटेरिया, दयाराम मिश्रा, कमल पाल, जगदीश आदिवासी, रामकिशन आदिवासी, रमेश आदिवासी, हरनारायण आदिवासी, कमल राय, हरि बल्लभ रावत, संतोष पांडे, कमल कांत पटेरिया द्वारा ज्ञापन भी दिया गया था।
११ दिन चली थी कटाई, इसके बाद भी नहीं जागा था वन विभाग
भडऱा और मोहनगढ़ के विजरावन गांव में जंगलों की कटाई ११ चली थी। जब वनों की कटाई नहीं रोकी गई तो काटे गए जंगलों का निरीक्षण जतारा विधायक द्वारा किया गया था। लेकिन रेंजरों की लापवाही के कारण जंगलों की कटाई रूकने का नाम नहीं ले रही है। लोगों का कहना है कि टीकमगढ़ में जब से नए रेंजर आए है। तब से वनों की कटाई ने जोर पकड़ लिया है।
पट्टों की लालच में काट दिए जंगल
वन विभाग के साथ ग्रामीणों द्वारा आदिवासियों के साथ अन्य लोगों को पट्टे स्वीकृति कराने और वनों की भूमि पर कब्जा करने के एवज में उकसाया गया है। जिसके कारण जंगलों की कटाई कर दी गई है। लेकिन टीकमगढ़ रेंजर द्वारा कटाई को नहीं रोका गया है। लेकिन उनके द्वारा न तो डीएफओ को जानकारी दी गई और न ही सीसीएफ को सूचना भेजी गई।
चहेतों को बचाने के लिए वनरेंजर और डीफओ छिपा रहे जानकारी
जुलाई में जंगलों को काटने का शुभारंभ हुआ था। मामले की जानकारी पत्रिका के साथ ग्रामीणों ने वनरेंजर और डीएफओं को दी गई थी। जिसकी जांच और कार्रवाई का जिम्मा डीएफओ ने वनरेंजर और एसडीओ को दिया था। जिसमें न तो इन दोनों द्वारा कार्रवाई की गई है और न ही जंगलों की कटाई को रोका गया है। मामले को लेकर वनरेंजर से बात की गई थी तो उनका कहना था कि डीएफओ के पास है। डीएफओ से एपीएप सेंगर से बात की गई तो उनका कहना था कि मामले की जानकरी टीकमगढ़ वनरेंजर के पास है। इसके बाद छतरपुर सीसीएफ आरके राय से बात की गई। तो उनका कहना था कि जल्द ही मामले की जांच कराकर लापरवाह और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।