29 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था केन्द्र: विदित हो कि जिले में 29 वर्षपूर्व 12 सितम्बर 198 9 को दूरदर्शन के अनुप्रसारण केन्द्र की स्थापना की गईथी। 29 वर्ष पूर्व दूरदर्शन केन्द्र की स्थापना होने के बाद कुछ समय पूर्व जिले में एफएम चैनल की बात कहीं जा रही थी, कि अब यहां पर एफएम चैनल भी शुरू होगा, लेकिन हुआ इसका उल्ट। लोगों का कहना है कि 29 वर्ष में इस केन्द्र का विकास तो हुआ नही बल्कि इसे बंद कर दिया गया।
छतरपुर जिले में दो-दो केन्द्र: विदित हो कि केन्द्र सरकार के निर्देश के बाद जहां जिले का एक मात्र दूरदर्शन केन्द्र बंद कर दिया गया है, वहीं पड़ौसी जिले छतरपुर में दो-दो केन्द्र स्थापित है। यहां पर छतरपुर जिला मुख्यालय के साथ ही बड़ामलहरा में भी दूरदर्शन का अनुप्रसारण केन्द्र है। छतरपुर में चल रहे दो-दो अनुप्रसारण केन्द्रों से यह भी साफ हो रहा है कि जब छोटे केन्द्रों को बंद किया जा रहा है, तो यह केन्द्र क्यों संचालित है। इससे लोगों के मन में विभागीय अधिकारियों की बात गले से नही उतर रही है।
जनप्रतिनिधियों में इच्छाशक्ति की कमी: पड़ौसी जिले में दो-दो अनुप्रसारण केन्द्रों का संचालन होना और जिले से 29 साल पुराना केन्द्र बंद होना, निश्चित रूप से जिले के जनप्रतिनिधियों की इच्छाशक्ति को प्रकट करता है। इस संबंध में सूत्रों की माने तो यदि जनप्रतिनिधियों द्वारा इसे रोकने के लिए अच्छे से प्रयास किया गया होता हो, यह केन्द्र भी संचालित रह सकता था।
3 वर्ष में गईदूसरी सौगात: विदित हो कि जिले में पिछले 3 वर्षों में यह दूसरी सौगात विदा हो गई है। इसके पूर्व जिला चिकित्सालय में संचालित होने वाला नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर भी यहां से बंद कर दिया गया है। नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर बंद होने पर भी जनप्रतिनिधियों से इस संबंध में चर्चा की गईथी, उस समय भी जनप्रतिनिधियों ने भी इसके लिए प्रयास करने की बात कहीं थी, लेकिन कुछ नही हुआ। दूरदर्शन केन्द्र के यहां से विदा होने के बाद लोग एक बार फिर से जनप्रतिनिधियों पर ही इसका आरोप लगा रहे है।
क्या कहते है अधिकारी:
केन्द्र सरकार के निर्देश पर यह केन्द्र बंद किए गए है। यह केन्द्र अस्थाई रुप से संचालित किए जा रहे थे। यह निर्णय सरकार के स्तर पर लिया गया है।
बीसी सोनी, इंजीनियर असिस्टेंट, दूरदर्शन अनुप्रसारण केन्द्र, सागर
इस संबंध में मंत्री को पत्र लिखा गया गया था। अब विधानसभा चुनाव आ गए है। चुनाव के बाद इसके लिए प्रयास किया जाएगा।
डॉ वीरेन्द्र कुमार, केन्द्रीय मंत्री, महिला, बाल विकास एवं अल्प संख्यक कार्य।