कार्यक्रम में कलेक्टर सिंह ने बताया कि युवाओं को रोजगार से जोडऩे के लिए जिले के पांच विभागों को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। युवा यहां से प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का व्यवसाय स्थापित कर सकते है। सिंह ने कम्प्यूटर एवं अंग्रेजी शिक्षा के महात्व को बता कर उसने दक्षता होने की बात कहीं। कलेक्टर ने कहा कि हमारे पास संसाधनों की कोई कमी नहीं है। हमें युवाओं को एक मंच पर लाकर उनके लिए रोजगार के अवसर तलाशने ही होंगे, तभी जाकर हमारे युवाओं का भविष्य उज्जवल होगा।
कार्यक्रम में विभिन्न विभागीय स्वरोजगार योजनाओं में लाभ प्राप्त 12 हितग्राहियों ने अपनी इकाइयों के माध्यम से निर्मित उत्पादों को प्रदर्शित किया। कार्यक्रम में एनआरएलएम की मुख्य भूमिका युवायों का पंजीयन सह काउंसलिंग करना रहा। इसमें युवाओं को रोजगार, स्वरोजगार, कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी प्रदाय करना था। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के पलायन को रोकने के लिए स्थानीय स्तर पर काम दिलाने के लिए भी कार्यक्रम में जानकारियां दी गई।
बताएं अनुभव: वहीं युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने को नव उद्यमी गौरव जैन, शुभम श्रीवास्तव, मोनिका यादव, संदीप जैन ने अपने अनुभव साझा किए। वहीं कलेक्टर सिंह ने यहां पर लगे स्टाल पर पहुंचकर युवाओं द्वारा बनाई जा रही वस्तुओं का निरीक्षण कर जानकारियां ली। इस अवसर पर डिप्टी कलेक्टर सौरभ मिश्रा, विकास आनंद, जिला प्रबंधक उद्योग राजशेखर पांडे, आजीविका मिशन की जिला समन्वयक अर्पणा पांडे, आयुष अधिकारी डॉ एके उपाध्याय सहित अनेक व्यवसायी एवं युवा उपस्थित रहे।