टीकमगढ़

पटवारी मनीराम ने रिश्वत में 4 हजार मांगे, राधेश्याम ने रुपए गिने अब दोनों को जेल

रिश्वत मांगने वाले पटवारी ने खुद रुपए न लेकर दूसरे पटवारी से गिनवाए, अब दोनों को भोगनी होगी जेल

टीकमगढ़Aug 05, 2021 / 09:57 am

anil rawat

Patwaris who took bribe were sentenced to four years

टीकमगढ़. रिश्वत लेने वाले दो पटवारियों को न्यायालय ने चार-चार साल के कारावास की सजा से दंडित किया है। एक पटवारी द्वारा नामांतरण के लिए चार हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। वहीं उसके साथ बैठे दूसरे पटवारी ने यह रुपए गिने थे। ऐसे में लोकायुक्त पुलिस ने दोनों पर मामला दर्ज कर लिया था। घटना लगभग चार वर्ष पुरानी बल्देवगढ़ तहसील क्षेत्र की है।


सहायक जिला अभियोजन अधिकारी संदीप सरावगी ने बताया कि जमीन का परिर्वतन कराने के लिए बल्देवगढ़ तहसील के इमलाना गांव के पटवारी मनीराम सौंर द्वारा चार हजार रुपए की मांग की थी। परेशान होकर आवेदक सुरेन्द्र मिश्रा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस सागर से की थी। मामले की जांच करने के बाद लोकायुक्त पुलिस ने 15 सितम्बर 2016 को कार्रवाई कर रिश्वत लेते हुए पटवारी मनीराम सौंर एवं दूसरे पटवारी राधेश्याम नामदेव को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद यह मामला न्यायालय में पेश किया गया था।

 

यहां पर सुनवाई के बाद न्यायालय ने आरोपी मनीराम सौंर को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा – 7 रिश्वत मांगने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदण्ड एवं धारा 13(2) रिश्?वत लेने के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया हे। वहीं दूसरे पअवारी राधेश्याम नामदेव को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा – 12 के अपराध में 4 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 2 हजार रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। मामले में जिला अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी एवं संदीप सरावगी ने पैरवी की।

 

यह था मामला
इमलाना निवासी सुरेन्द्र मिश्रा ने अपने दादाजी से 1 एकड़ जमीन क्रय की थी। इसकी रजिस्ट्री एवं अन्य दस्तावेजों के साथ उन्होंने नामांतरण के लिए आवेदन दिया था। इस पर टीप लगाने के लिए पटवारी मनरीराम सौंर चार हजार रुपए की मांग कर रहा था। परेशान होकर सुरेन्द्र ने इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की थी। इस पर लोकायुक्त पुलिस ने योजना बनाकर 15 सितम्बर 2016 को ट्रेपिंग की कार्रवाई की थी। 15 सितम्बर को जब सुरेन्द्र पटवारी के खरगापुर मार्ग पर बनाए गए आवास पर रिश्वत के रुपए देने पहुंचा तो मनीराम सौंर ने यह रुपए न लेकर अपने कमरे में बैठे दूसरे पटवारी राधेश्याम नामदेव को यह रुपए दिलाए और उसने गिनकर नामांतरण पंजी में रख दिए। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

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