सम्मेलन आयोजित कराने के लिए नहीं किए प्रयास
संजयनगर निवासी रामस्वरूप राजपूत और श्रीराम अहिरवार के साथ प्रीतम कुशवाहा ने बताया कि बेटी और बेटा की शादी का मुहुर्त नवम्बर, दिसम्बर, मार्च और अप्रेल में निकल रहा था। फिर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सरकारी कर्मचारियों से जानकारी ली गई। उनके बताए अनुसार परशुराम जयंती आखतीज के समय विवाह सम्मेलन आयोजित करने की जानकारी मिली। उसके बाद अब कुछ ही दिनों में पंचायतों से समझकर आवेदन तैयार किए गए। उन्हें लेकर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत के साथ सामाजिक न्याय विभाग में जमा करने के लिए घूमते रहे। लेकिन किसी ने आवेदन नहीं लिए। फिर अचानक आचार संहिता लागू हो गई। उसके बाद सम्मेलनों की उम्मीदे खत्म हो गई है।
कोरोना काल से रुके थे सामुहिक विवाद सम्मेलन
हितग्राहियों का कहना था कि कोरोना काल से सामुहिक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं किए गए। उसके बाद गरीब और निर्धन परिवार मुख्यमत्री कन्यादान योजना का इंतजार कर रहे थे। दो साल बाद ऐसे परिवारों की उम्मीद बड़ी थी कि योजना में आयोजन होगें और उसमें बच्चों के विवाह कराएगें। अब इस उम्मीद के लिए लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा।
पहले आखतीज के समय हो जाते थे विवाह सम्मेलन
ग्रामीण और शहरीय क्षेत्र के लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पहले आखतीज के समय विवाह सम्मेलन आयोजित किए जाते थे। लेकिन कोरोना काल के बाद शादी समारोहों की छूट मिली। सम्मेलनों की घोषणा हुई, लेकिन टीकमगढ़ जिले में आज तक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं किए गए। जिसके कारण कमजोर परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
इनका कहना
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक सम्मेलन आयोजित किए जाने थे। उसकी फाइल तैयारी थी प्रभारी मंत्री से तारीख लेना बांकी थी। उसका इंतजार कर रहे थे। लोग भी विवाह की तारीखों लेने के लिए आ रहे थे। लेकिन अचानक आचार संहिता लागू की गई। अब वह प्रक्रिया रद्द हो गई है। आचार संहिता के बाद भी उस प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।
राजेंद्र पस्तौर उप संचालक सामाजिक न्याय विभागग टीकमगढ़।
संजयनगर निवासी रामस्वरूप राजपूत और श्रीराम अहिरवार के साथ प्रीतम कुशवाहा ने बताया कि बेटी और बेटा की शादी का मुहुर्त नवम्बर, दिसम्बर, मार्च और अप्रेल में निकल रहा था। फिर सम्मेलन में शामिल होने के लिए सरकारी कर्मचारियों से जानकारी ली गई। उनके बताए अनुसार परशुराम जयंती आखतीज के समय विवाह सम्मेलन आयोजित करने की जानकारी मिली। उसके बाद अब कुछ ही दिनों में पंचायतों से समझकर आवेदन तैयार किए गए। उन्हें लेकर ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत के साथ सामाजिक न्याय विभाग में जमा करने के लिए घूमते रहे। लेकिन किसी ने आवेदन नहीं लिए। फिर अचानक आचार संहिता लागू हो गई। उसके बाद सम्मेलनों की उम्मीदे खत्म हो गई है।
कोरोना काल से रुके थे सामुहिक विवाद सम्मेलन
हितग्राहियों का कहना था कि कोरोना काल से सामुहिक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं किए गए। उसके बाद गरीब और निर्धन परिवार मुख्यमत्री कन्यादान योजना का इंतजार कर रहे थे। दो साल बाद ऐसे परिवारों की उम्मीद बड़ी थी कि योजना में आयोजन होगें और उसमें बच्चों के विवाह कराएगें। अब इस उम्मीद के लिए लोगों को और इंतजार करना पड़ेगा।
पहले आखतीज के समय हो जाते थे विवाह सम्मेलन
ग्रामीण और शहरीय क्षेत्र के लोगों का कहना था कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत पहले आखतीज के समय विवाह सम्मेलन आयोजित किए जाते थे। लेकिन कोरोना काल के बाद शादी समारोहों की छूट मिली। सम्मेलनों की घोषणा हुई, लेकिन टीकमगढ़ जिले में आज तक विवाह सम्मेलन आयोजित नहीं किए गए। जिसके कारण कमजोर परिवारों को योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।
इनका कहना
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत सामूहिक सम्मेलन आयोजित किए जाने थे। उसकी फाइल तैयारी थी प्रभारी मंत्री से तारीख लेना बांकी थी। उसका इंतजार कर रहे थे। लोग भी विवाह की तारीखों लेने के लिए आ रहे थे। लेकिन अचानक आचार संहिता लागू की गई। अब वह प्रक्रिया रद्द हो गई है। आचार संहिता के बाद भी उस प्रक्रिया पर विचार किया जाएगा।
राजेंद्र पस्तौर उप संचालक सामाजिक न्याय विभागग टीकमगढ़।