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टीकमगढ़

पोलियों की दवा पीने के बाद हुई बच्चें की मौत के मामले में एएनएम निलंबित

सीएमएचओ ने की जांच, सुपरवाईजर, एलएचव्ही और आशा कार्यकर्ता पर भी हुई कार्रवाई

टीकमगढ़Feb 19, 2019 / 08:24 pm

anil rawat

poliyon drops

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टीकमगढ़. पोलियों की दवा पीने के बाद हुई बच्चें की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए थे। स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई जांच के बाद स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि बच्चें की मौत पोलियो की दवा पीने से नही बल्कि स्वांस नली में बच्चें की उल्टी का दूध जाने से हुई है। इस मामले में लापरवाही को देखते हुए सीएमएचओ ने जहां एएनएम को निलंबित कर दिया है, वहीं सुपरवाईजर, एलएचव्ही की वेतनवृद्धि रोकने के साथ ही आशा कार्यकर्ता को भी पद से पृथक कर दिया है।
सोमवार को पलेरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के अंतर्गत आने वाले ग्राम दांतगोरा के उपस्वास्थ्य केन्द्र में पोलियों की दवा पिलाने के बाद गांव के ही संतोष यादव के 9 माह के पुत्र अंशु की हालात खराब हो गई थी। इसके पहले की यहां पर उपस्थित एएनएम मूर्ति अहिरवार एवं एलएचव्ही मानकुंवर सेन कुछ समय पाते बच्चे की मौत हो गई थी। पोलियो ड्राप पीने के बाद हुई इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मंगलवार को सीएमएचओ डॉ वर्षा राय, सिविल सर्जन डॉ सीबी आर्या एवं पलेरा बीएमओ डॉ राकेश कुमार ने दांतगोरा जाकर पूरे मामले की जांच की।

यह की कार्रवाई: इस घटना में लापरवाही देखते हुए सीएमएचओ डॉ वर्षा राय ने एएनएम मूर्ति अहिरवार को निलंबित कर दिया है। वहीं यहां पर पदस्थ सुपरवाईजर श्याम बिहारी तिवारी एवं एलएचव्ही मानकुंवर सेन की एक-एक वेतनवृद्धि रोक दी गई है। इसके साथ यही गांव में काम न करने वाली आशा कार्यकर्ता तारादेवी ठाकुर की सेवाएं समाप्त कर दी है। वहीं एएनएम के खिलाफ विभागी जांच भी कराई जा रही है।
स्वांस नली रूंधने से हुई मौत: पूरे मामले की जांच के बाद डॉ वर्षा राय ने बताया कि बच्चें की मौत के बाद इसका पीएम कराया गया था। पीएम में मौत का कारण श्वास नली अवरूद्ध (एसफेक्सिया) होना प्रतीत हो रहा है। पोलियो की दवा से बच्चें की मृत्यु होना संभव नही है। डॉ राय ने बताया कि जांच में सामने आया है कि बच्चें को पोलियो की दवा पिलाने के पूर्व मां द्वारा उसे दूध पिलाया गया था। दूध पिलाने के बाद वह लगातार रो रहा था और उसी दौरान उसे उल्टी हुई। यह उल्टी भी बाहर नही निकल सकी और बच्चा इसे गुटख गया। इसके बाद एएनएम ने उसे पोलियो की दवा पिला दी। सीएमएचओ डॉ राय का कहना है कि इसी उल्टी के बच्चें की श्वांस नली में जाने से यह घटना हुई होगी।
नही किया उपचार: डॉ राय ने बताया कि इस घटना को समझ कर एएनएम को तत्काल ही इसे मेंनेटेन करना चाहिए था। यदि वह बच्चें को तत्काल ही इसका इंजेक्शन लगा देती तो, यह घटना नही होती। उनका कहना है कि जिस ड्राप से अंशु को पोलियो की दवा पिलाई गई थी, उसी ड्राप से पहले भी 5-7 से बच्चों को दवा पिलाई जा चुकी थी। इससे साफ है कि पोलिया की दवा में किसी प्रकार की कमी नही थी। उनका कहना है कि इस मामले की विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए है। इस मामले की जांच करने गई टीम में चिकित्सा अधिकारी डॉ अम्बरीश शुक्ला, डॉ महेन्द्र कोरी, ड्रग इंस्पेक्टर सोनम जैन, वैक्सीन स्टोर प्रभारी चंद्रशेखर तिवारी भी साथ रहे।

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