१६ मार्च को किसानों की मांग पर पत्रिका ने प्रकाशित की थी खबर
विद्युत कम्पनी द्वारा प्रत्येक महीने कई प्रकार से लाइनों का रखरखाव किया था। इसके बाद भी बिजली के मकडजाल और शॉर्ट सर्किट की संख्याओं में इजाफा होता रहा है। जिम्मेदारों ने यह भी निर्देश दिए थे कि किसी भी जेई, लाइनमेन के साथ अन्य अधिकारियों के क्षेत्र में शॉर्ट सर्किट की घटनाएं होती है तो उस जिम्मेदार पर कार्रवाई की जाएगी। लेकिन उनके द्वारा किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई। विभाग की लापरवाही को देखते हुए किसानों ने १६ मार्च को विद्युत कम्पनी को पम्प की विद्युत सप्लाई को बंद करने की मांग की थी। जिसकी खबर का प्रकाशन पत्रिका ने किया था।