वहीं दूसरी ओर आवास पूर्ण होने के बावजूद सूची में दर्ज नहीं हो पा रहे हैं। मामले को लेकर कलेक्टर अभिजीत अग्रवाल ने सख्त रूख अपनाते हुए लापरवाह रोजगार सहायकों पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।
यह होता है मस्टर को रोल: प्रधानमंत्री आवास योजना में ग्रामीण अंचलों में हितग्राही को 1 लाख 20 हजार की राशि दी जाती है। आवास निर्माण के लिए तीन किश्तों में दी जाने वाली राशि के साथ ही रोजगार गारंटी योजना के तहत मकान निर्माण करने वाले के साथ ही यदि अन्य ग्रामीण निर्माण में मजदूरी करते हैं
तो उन्हें 90 दिन की मजदूरी दी जाती है। इसके लिए रोजगार गारंटी योजना के तहत मस्टर जारी करके मजदूरी दर्शाने का काम गांव के रोजगार सहायकों के द्वारा किया जाता है। लेकिन तीन जनपदों की 23 ग्राम पंचायतों में जीरो पर मस्टर दर्ज किए जाने से अब इन आवास मालिकों को मजदूरी की राशि पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ सकती है।
सैंकड़ों की संख्या में दर्ज किए मस्टर: खास बात है कि ग्राम पंचायत रोजगार सहायकों के द्वारा एक दो नहीं बल्कि सैंकड़ों की संख्या जीरो पर मस्टर दर्ज किए गए हैं। जिससे लापरवाही को आसानी से समझा जा सकता है।
बल्देवगढ़ के मलगुवां में 122 मस्टरों में से 90 जीरो पर दर्ज किए गए। इसी तरह जतारा के बिजरावन में 227, निवाड़ी के असाटी खास में 123, बिनवारा में 123 और निवाड़ी के झिंगौरा में 94 आवासों को जीरो पर दर्ज कर दिया गया। आंकड़ों में देखा जाए तो इन 23 ग्राम पंचायतों के द्वारा 4504 मस्टर जारी करने के बाद 1642 मस्टर भरे गए, जबकि 1814 मस्टरों को जीरो पर दर्ज कर दिया गया।
इन पंचायतों के रोजगार सहायकों पर हो सकती है कार्रवाई: रोजगार सहायकों के द्वारा किए गए फर्जीवाडे को लेकर जहां एक ओर आवास मालिक परेशान हैं वहीं प्रशासन भी बड़ी कार्रवाई के मूड में है।
कहते हैं अधिकारी: जीरो मस्टर दर्ज करने वाले रोजगार सहायकों की सूची मंगाई गई है। नोटिस जारी करने के बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। – अभिजीत अग्रवाल, कलेक्टर, टीकमगढ़