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जांच नहीं होने से व्यापारियों ने फर्जी किसान बनकर कराए पंजीयन

locationटीकमगढ़Published: Jun 03, 2020 09:21:22 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

सरकारी खरीद का लाभ लेने के लिए जमीन कम होने के बाद भी सैकड़ों एकड जमीनों का फर्जी तरीके से पंजीयन किसानों के साथ व्यापारियों ने करा लिया था।

 Prohibition on purchase, list being made for action

Prohibition on purchase, list being made for action


टीकमगढ़.सरकारी खरीद का लाभ लेने के लिए जमीन कम होने के बाद भी सैकड़ों एकड जमीनों का फर्जी तरीके से पंजीयन किसानों के साथ व्यापारियों ने करा लिया था। उपार्जन खरीद शुरू होते ही खाद्य विभाग ने उन किसानों का दो सालों के पंजीयन मिलान के साथ जमीन को जांचा गया। जिसमें जमीन कम और पंजीयन अधिक दिखाई दिया। जतारा क्षेत्र की मोहनगढ़ समिति में जमीन कम और अधिक पंजीयन के किसान ९३ निकलकर आए है। जिन पर कार्रवाई के लिए सूची तैयार की जा रही है। जिससे इन किसानों के अनाज पर रोक लगा दी गई थी।
जिले के टीकमगढ़, जतारा, पलेरा, बल्देवगढ़ में रबी फसलों का पंजीयन किया गया था। लेकिन पंजीयन केंद्र संचालक के साथ समिति ऑपरेटरों की मिली भगत से किसानों का पंजीयन बढा दिया है। इसके साथ ही स्वयं की जमीन बताकर पंजीयन किए गए है। वहीं किसानों का कहना था कि जब गिरदाबरी एप किसानों की जमीनों पर नजरे टिकाए हुए है तो पंजीयन दर्ज कैसे हो गया। मामले की शिकायतें तहसीलदार के साथ क्षेत्रीय खाद्य विभाग अधिकारीं से की गई। उन्होंने ऐसे फर्जी किसानों की जांच शुरू कर दी। जहां मोहनगढ़ समिति में ९३ और टीकमगढ़और बल्देवगढ़ क्षेत्र के दर्जनों किसानों के साथ समिति प्रबंधकों की सूची तैयार की जा रही है।
अन्य किसानों की जमीनों का कराया अपने नाम पंजीयन
जानकारी के अनुसार सम्मलित भूमि के किसानों का पंजीयन उनकी सहमति के बगैर एक किसान के नाम करा लिया है। वहीं सेठ साहूकारों ने पंजीयन करा लिया गया है। वह गांव और मंडी से १६ से १७ रुपए किलो में अनाज खरीदकर पंजीयन पर डाल देते है। जिसका फायदा सभी किसानों को छोड़ उन्हे हो जाता है। मामले को लेकर किसानों ने एसडीएम के साथ तहसीलदार से शिकायतें की थी।
यह किया गया फर्जीवाडा, पकड़ में आया मिलान के बाद
फर्जी तरीक ों से दस्तावेज तैयार करके नाम परिवर्तन कर दिया गया। सेठ साहूकारों ने पंजीयन संचालक के साथ पटवारियों और ऑपरेटरों को अपने पक्ष में करके डूडयनखेरा निवासी रतिराम यादव, जगदीश यादव, कुन्नीलाल साहू, कमल साहू, नन्नी बाई साहू, हरगोविंद यादव, गुलाब बाई, दीपक यादव ने कई किसानों की जमीनों का पंजीयन अपने नाम करा लिया है। विभाग के अधिकारियों का कहना था कि हर वर्ष पंजीयन के बाद किसानों और कम ज्यादा जमीनों की जांच की जाती थी। लेकिन इस बार प्रशासन को समय नहीं मिल पाया है। जिसके कारण यह स्थिति बनी रही है।

पंजीयन कराने पहुंचे तब हुआ था खुलासा
किसाना किसान प्रकाश, सुदामा, रतीराम, मथुरा, बिट्टी, मुकेश, रमेश, काशीराम, मंजू, कमल क ुम्हार, भगवान सिंह, मोनो राजा ,श्रीराम यादव, महेश यादव, रघुवीर यादव पंजीयन कराने के लिए गए थे। पंजीयन केंद्र संचालक द्वारा बताया गया कि इस नाम से पंजीयन हो गया है। मामले की शिकायत संबंधित विभाग से की गई। तब मामले की जांच जिला स्तर पर की गई। जहां ११३ पंजीयन केंद्रों से ९३ फर्जी किसानों के नाम सामने आए है। कलेक्टर ने बैठक में जांच के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए है।
इनका कहना
मामले में कई शिकायतें आई है। ऐसे कई किसानों की सूची भी बनाई गई है। जिनकी जमीन कम और पंजीयन अधिक का बनवाया गया है। इसके साथ ही कुछ किसानों पर कार्रवाई भी की जा रही है। ऐसे फर्जी किसानों के खिलाफ कार्रवाई जल्द ही की जाएगी।
विकास आनंद डिप्टी कलेक्टर एवं जिला प्रभारी खाद्य टीकमगढ़।
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