स्टॉफ से की बातचीत: टीम ने यहां पर हर वार्ड में सफाई के साथ ही शौचालयों का भी निरीक्षण कर सफाई व्यवस्था देखी। साथ ही टीम ने यहां पर तैनात स्टॉफ से बातचीत की और मरीजों को दिए जाने वाले उपचार के विषय में पूछा। इसके साथ ही टीम ने स्टॉफ से बॉयोमेट्रिक बेस्ट के निस्तारण के विषय में जानकारी ली। टीम ने स्टॉफ से बातचीत कर यह जानने का प्रयास किया कि स्टॉफ कितना ट्रेंड है। इसे लेकर टीम कुछ असंतुष्ट भी नजर आई।
भोपाल देंगे रिपोर्ट: निरीक्षण के बाद टीम में आए आरएमओ डॉ आरएन राजौरिया ने बताया कि वह अपनी रिपोर्ट भोपाल भेजेंगे। वहां से ही अंकों का निर्धारण किया जाएगा और उसी के आधार पर कायाकल्प में स्थान दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां की व्यवस्थाएं ठीक है। कुछ कमियां है, जो धीरे-धीरे पूरी कर ली जाएंगी। उनका कहना था कि यहां का स्टॉफ अभी नया है। धीरे-धीरे सुधार हो जाएगा।
चाक-चौबंद रही व्यवस्थाएं: सामान्य दिनों की अपेक्षा सोमवार को जिला चिकित्सालय की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद दिखाई दी। सोमवार को टीम के आने की सूचना पर जहां अस्पताल के हर कौने से कचरा निकाला जा रहा था, वहीं आईसीयू में सुबह से नर्सें बेडों को दुरूस्त करती दिखाई दी। इसके साथ ही डॉक्टर एवं स्टॉफ भी पूरी तरह से ड्रेस में दिखाई दिया। हर वार्ड में बेड पर साफ बिस्तर बिछाए गए थे, वहीं सुरक्षा गार्ड भी व्यवस्थित तरीके से अपने स्थान पर तैनात दिखाई दिए।