10 प्रतिशत परिवारों का ही रह गया स्वदेशी सामाग्री से जुड़ाव
मटका व्यापारियों ने बताया कि मिट्टी से बने बर्तनों, मटका, दीपक बनाने वाले परिवारों का रुझान अब पैतृक व्यवसाय से हटता जा रहा है। इसका मुख्य कारण आधुनिक युग के साथ आधुनिक वस्तुओं की लोगों द्वारा अधिक मांग और किसी भी प्रकार का कोई सरकार द्वारा प्रोत्साहन नहीं मिलना है। इसके कारण 20 वर्ष पूर्व जिला मुख्यालय पर 70 परिवार इस काम में लगे हुए थे। वहां आज मात्र 10 परिवार ही आज इस उद्योग से जुड़े हुए है।