नगर की जान कहे जाने वाला महेंद्र सागर तालाब पर कई प्रकार के धार्मिक कार्यो का आयोजन किया जाता है। लेकिन पानी कम होने के कारण आम नागरिकों को सोचना पड़ रहा है। तालाब के कई घाट खाली पड़े हुए है।
कम पानी कैसे होगी पार्को की सिंचाई
नगर पालिका द्वारा तालाब के किनारे करोड़ों रुपए की लागत से पार्काे का निर्माण किया गया है। इन पार्को में शहर में लोग सुबह और शाम को घूमने के लिए आते है। गर्मियों में पार्को की सिंचाई करने और तालाब की सौर्दयता को नगरपालिका कैसे बना पाएगी। जिसके कारण नगरपालिका को नुकसान का सामना करना पड़ेगा।
आंगे भरने वाला तालाब खाली, पीछे के हुए ऑवरफ्लो
बारिश के दौरान सबसे पहले महेंद्र सागर तालाब पानी से भर जाता था। लेकिन इस बार उल्टा हो गया है। पीछे भरने वाले तालाब महाराजपुरा, वृंद्रावन तालाब, हनुमानसागर तालाब ओवर फ्लो हो गए है। लेकिन महेंद्र सागर तालाब अब भी खाली पड़ा ह़ुआ है। जिसके कारण तालाब के निचले स्तर ओर आने वाले कुंए खाली पड़े हुए है। जिसके कारण किसानों की भी चिंता बढ़ गई है।
नहीं बनाना था बायपास
24 घंटे में भरने वाला तालाब औसत से अधिक बारिश में नहीं भर पाया है। तालाब में खदानें और बायपास रोड़ निर्माण होने पानी नहीं आ पाया है। इससे नगर के लोगों को नुकसान हुआ है। जलसंसाधन विभाग की लापरवाही के कारण तालाब प्यासा बना हुआ है।
केपी त्रिपाठी इतिहासकार टीकमगढ़।
धीमी बारिश और दूसरे तालाब नहीं भरने महेंद्र सागर में पानी नहीं आ पाया है। जितना पानी एकत्रित हुआ है। वह नहर द्वारा तालाब में आया है।
केके मिश्रा ईई जलसंसाधन विभाग टीकमगढ़।
पठा तालाब के ऊपर 13 से 14 बदियों को बनाया गया है। वह बारिश के पानी से बंदियां देर से भर पाई है। उनके भरने के बाद पठा तालाब भरा है। इसके बाद बारिश रूक गई है। अब पानी की बारिश होगी। उसके बाद सीधा तालाब में पानी आएगा।
डॉ.हरीहर यादव समाजसेवी टीकमगढ़।
तालाब भरने के लिए नहर निर्माण किया गया है। जिसमें जिम्मेदारी से स्वीकृत राशि को खर्च नहीं किया गया है। इसके साथ ही वायपास रोड़ से महेंद्र सागर तालाब का अस्तृत्व खतरे में पड़ गया है। जो चिंता का विषय है। आगामी दिनों में वायपास रोड़ के पास कॉलोनी का निर्माण हो जाएगा तो सैलसागर के पास पड़ा गंदे तालाब की तरह हो जाएगा।
यादवेंद्र सिंह बुंदेला पूर्व मंत्री टीकमगढ़।