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जिनके ऊपर सरकार की झोली भरने का दारोमदार, वहीं वैशाखियों के सहारे

locationटीकमगढ़Published: Feb 10, 2020 12:19:33 pm

Submitted by:

anil rawat

कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे सर्वाधिक राजस्व संग्रहण करने वाले विभाग

Revenue department facing shortage of staff

Revenue department facing shortage of staff

टीकमगढ़. करोड़ों रुपए राजस्व का संग्रहण कर सरकार की झोली भरने वाले विभाग कर्मचारियों की कमी से जूझ रहे है। यह हाल केवल एकाध विभाग का नहीं बल्कि राजस्व संग्रहण करने वाले हर प्रमुख विभाग का है। साल-दर-साल जहां शासन इन विभागों को राजस्व बढ़ाने नए लक्ष्य दे रहा है, वहीं कम हो रहे विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की संख्या पर किसी का ध्यान नहीं है।


जिले में वाणिज्यकर विभाग, आबकारी विभाग के साथ ही खनिज विभाग इन दिनों कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। हर साल शासन को करोड़ों रुपए राजस्व के रूप में देने वाले इन विभागों में अधिकारियों एवं कर्मचारियों की कमी होने के इनके काम पर भी प्रभाव पड़ रहा है। कर्मचारियों के मामले में सबसे बुरी स्थित वाणिज्यकर एवं आबकारी विभाग की है। वहीं खनिज विभाग में भी मैदानी अमला न होने से रेत के अवैध परिवहन एवं खनन के मामले रोज ही प्रकाश में आ रहे है। यहीं हाल आबकारी विभाग का है।

 

यह है विभागों की स्थिति: कर्मचारियों एवं अधिकारियों के मामले में सबसे खराब स्थित आबकारी विभाग की है। यहां पर निरीक्षक के 7 में से 6 पद रिक्त है। वहीं 12 में से मात्र 7 आरक्षक ही विभाग के पास है। ऐसे में विभाग को जिले में शराब के अवैध कारोबार पर नियंत्रण करने में खासी परेशानियों को सामना करना पड़ता है। यहीं हाल वाणिज्यकर विभाग का है। यहां पर भी निरीक्षक के 3 पद स्वीकृत है और तीनों खाली है। वहीं कराधान सहायक के 3 पदों में से 2 खाली बने हुए है। इसके साथ ही विभाग में स्वीकृत कुल 31 पदों में से मात्र 17 कर्मचारी है। ऐसे ही कर्मचारियों की कमी से खनिज विभाग जूझ रहा है। खनिज विभाग में टीकमगढ़ एवं निवाड़ी जिले में मिलाकर मात्र एक निरीक्षक है। इसके साथ ही सर्वेयर का पद भी खाली पड़ा है। निवाड़ी में तो मात्र प्रभारी खनिज अधिकारी के भरोसे ही पूरा काम चल रहा है।


देते है करोड़ों का राजस्व: यह तीन विभाग मिलकर ही सरकार को जिले से दो अरब से अधिक का राजस्व देते है। इस वित्त वर्ष में आबकारी विभाग ने जहां शासन को 1 अरब 15 करोड़ रुपए से अधिक का राजस्व दिया है, वहीं वाणिज्यकर विभाग ने भी शासन को 53.5 करोड़ रुपए राजस्व के रूप में दिए है। खनिज विभाग ने भी शासन को लगभग 70 करोड़ रुपए से अधिक कमा कर दिए है। इस वर्ष भी शासन लगभग 20 प्रतिशत का राजस्व बड़ाकर इन विभागों को लक्ष्य देगा। इसके बाद भी इन विभागों में कर्मचारियों की कमी पर किसी का ध्यान नहीं है। इस संबंध में विभागों के अधिकारियों का कहना है कि वह कर्मचारियों की कमी से शासन को अवगत करा चुके है। हर बार इसकी जानकारी शासन स्तर पर भेजी जाती है।

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