अध्यक्षता पण्डित जितेन्द्र दुबे महंत ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथियों के रूप में ओरछा प्राधिकरण के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह राठौर,भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ नंदकिशोर नापित,किसान मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य अमित राय,ओरछा मण्डल अध्यक्ष संजय नकीब,रजनीश दुबे,पवन दुबे,रोहित यादव,संजीव शर्मा उपस्थित थे।
दंगल का संचालन मास्टर मेहरबान सिंह यादव एवं निर्णायक की भूमिका चंद्रप्रकाश राय ने निभाई। दंगल का शुभारंभ मुख्य अतिथि एवं अध्यक्ष द्वारा अखाडे का पूजन किया गया।
आजमाए गए दाव पेंच
आयोजन का पहली कुश्ती पहलवान सतेंद्र बवीना एवं अमित करारी द्वारा हाथ मिलवाकर करवाई गई। यह कुश्ती बराबरी पर हुई। दंगल में तीन मुकाबले आकर्षण का केन्द्र रहे।
जिसमें धर्मवीर लकारा झाँसी ने रवि सिगरवार को पराजित किया। इस कुश्ती पर 11 हजार 500 रुपए इनाम घोषित थे। अन्य दो मुकाबले जिन पर 6-6 हजार रुपए घोषित थे। दंगल के अंत मे मुख्य अतिथि अखिलेश अयाची ने संबोधित करते हुए कहा कि ओरछा एक गौरवशाली नगरी रही है। जिसकी स्मृति में हम यह दंगल करवाते है। वो दीवान हरदोल बहुत बडे पहलवान थे।
जिन्होंने एक मुस्लिम पहलवान की चुनौती स्वीकार करते हुए उसे बुरी तरह पराजित किया था। उन्होंने कहा कि यह परम्परा आगे बनी रहे इसके लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से दंगल के आयोजन को पूरी सुविधाओं की माँग की जाएगी।
इसमे सत्ते यादव झाँसी ने छोटु पहलवान ग्वालियर को हराया,जबकि शिवम यादव पंचकुइया एवं गजेन्द्र गुर्जर करारी की कुश्ती बराबरी पर रही। अन्य मुकाबलो में सुरेन्द्र गिरी गोरखपुर ने राजेश परिहार कलार खेडा को हेमन्त झाँसी ने रवि आदिवासी नौगांव को आकाश पंचकुइया ने शिवकरण झाँसी को पराजित किया।
दंगल में सागर बबीना-जतिन झाँसी,राहुल दतिया गौरव सेन करारी,रुद्र झाँसी राजवीर करारी,लकी हसारी नरेंद्र झाँसी,इंद्रजीत पाठक दतिया नीतेश करारी,सतीश हसारी देवेन्द्र दतिया,रामखीलावन करेरा अशीष झाँसी पहलवानो की कुश्ती बराबरी पर रही।
इस अवसर पर थाना प्रभारी वीरेंद्र सिंह चौहान,एसआई अंकित दुबे , सुरेश यादव,अजीत सिंह ठाकुर,राजेन्द्र केवट,गिरीश महाराज,कर्ण सिंह यादव,संजीव कडा बती यादव का सहयोग विशेष रूप से रहा।