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खदान में हैवी ब्लास्टिंग से दरक रहे मकान, दहशत में ग्रामीण

locationटीकमगढ़Published: Jan 17, 2019 07:37:14 pm

Submitted by:

anil rawat

दिन में दो बार हो रही ब्लॉस्टिंग के कारण आसपास रहने वाले ग्रामीण हमेशा ही दहशत में रहते है।

Rural in panic

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टीकमगढ़. समीपस्थ ग्राम खेरा में चल रही खदानों में हो रही हैवी ब्लॉस्टिंग के कारण आसपास के मकानों में दरारें आ रही है। दिन में दो बार हो रही ब्लॉस्टिंग के कारण आसपास रहने वाले ग्रामीण हमेशा ही दहशत में रहते है। वहीं खदान 100 फीट से भी अधिक गहरी हो जाने के कारण आसपास के क्षेत्रों के कुआं का पानी भी सूख रहा है। परेशान ग्रामीणों की माने तो इसकी शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नही की जा रही है।
समीपस्थ ग्राम खेरा में पिछले कई वर्षों से गांव के पास लगी एक खदान में जमकर खनन किया जा रहा है। लगभग 100 फीट से अधिक गहरी हो चुकी इस खदान से गोरा पत्थर निकालने के लिए हैवी ब्लॉस्टिंग की जाती है। इस ब्लॉस्टिंग का खामियाजा खदान के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को उठाना पड़ रहा है। खदान से लगभग 100 मीटर की दूरी पर रहने वाले ग्रामीणों की माने तो हैवी ब्लॉस्टिंग के कारण उनके घरों की दीवालों एवं लेंटर पर सपोर्ट के लिए लगे पत्थरों में भी दरारें आ गई है। इससे हमेंशा ही दुर्घटना की संभावना बनी रहती है।

हिल जाती है पूरी जमीन: खेरा में खदान के पास रहने वाले लखनलाल यादव, भैयालला यादव सहित अन्य लोगों ने बताया कि सामान्यता यहां पर सुबह 9 बजे एवं दोपहर को 3 बजे ब्लॉस्टिंग की जाती है। जब खदान में ब्लॉस्ट होता है तो यहां की पूरी जमीन हिल जाती है। यह लोग अपने घरों में आई दरारों को बताते हुए कहते है कि यह सब ब्लॉस्टिंग के कारण है। लखनलाल यादव ने अपने घर की छत में लेंटर में लगी छत्तियों एवं उसके सपोर्ट के लिए लगे आड़े पत्थरों(करी) में आई दरारों को बताते हुए कहा कि यह सब ब्लॉस्टिंग का नतीजा है। लोगों के घरों के इन आड़े पत्थरों में आई दरारों के बाद सपोर्ट के लिए लोहे के एंगल लगा लिए है।
सूख रहे कुएं: ग्रामीणों की माने तो खदान की गहराई बहुत अधिक होने का असर उनके कुओं पर पड़ रहा है। खदान के पास रहने वाले हरिराम यादव, मुलायम, प्रभु एवं प्रदीप यादव का कहना है कि खदान के कारण उनके कुओं का पानी सूख गया है। इस बार अच्छी बारिश होने के बाद भी उनके कुओं का जलस्तर कम होने लगा है। ग्रामीणों का कहना है कि खदान की गहराई कुओं से अधिक नीचे जाने के कारण जलस्तर कम हो रहा है। ग्रामीणों की माने तो इस संबंध में वह लोग कई बार शिकायत कर चुके है, लेकिन कोई सुनवाई नही होती है।

6 मीटर का है नियम: वैसे तो सामान्य रूप से किसी भी खदान को खनन 6 मीटर से अधिक गहरा नही किया जा सकता है। 6 मीटर से अधिक गहरी खदान खोदने के लिए ठेकेदार को जीडीएमएस की अनुमति लेनी होती है। खेरा से लगी यह खदान 6 मीटर से कहीं अधिक गहरी हो चुकी है। हालंाकि खनिज विभाग की माने तो इसकी अनुमति, पट्टेदार द्वारा ले ली गई है। लेकिन ग्रामीणों की सुरक्षा को लेकर यहां पर कोई प्रयास न किए जाने के मामले में विभाग का कहना है कि उनके पास अब तक ऐसी कोई शिकायत नही आई है। विदित हो कि जिले की अधिकांश खदानों का यही हाल है।
कहते है अधिकारी: जिला स्तर से 6 मीटर तक खदान खोदने की अनुमति होती है। इसके बाद इसकी स्वीकृति डीजीएमएस से लेने होती है। इस खदान के लिए यह अनुमति ली गई है। गांव में मकानों को होने वाली छति से संबंधित कोई भी मामला अभी हमारे पास नही आया है। यदि ऐसा है, तो इसकी जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी।- अमित मिश्रा, जिला खनिज अधिकारी, टीकमगढ़।

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