विदित हो कि लिधौरा थाने के ग्राम इशौन निवास हाकिम सिंह यादव ने राधिका से प्रेम विवाह किया था। एक-दूसरे के प्यार में इन दोनों ने अपने परिवारों से भी दूरी बना ली थी। हाकिम सिंह जहां अपने परिवार से अलग हो गया था, वहीं राधिका के परिजनों को भी यह पता नहीं था कि उनकी बेटी कहा हैं। राधिका के परिजनों ने तो उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करा रखी थी। लगभग एक साल साथ रहने के बाद दोनों से सिर से प्यार का भूत उतर गया और अनबन होने लगी। इसके बाद गुरूवार की रात्रि को राधिका ने जहरीला पदार्थ खा लिया। जहर खाने से राधिका का तबियत बिगडऩे पर हाकिम सिंह उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गया, जहां डॉक्टरों ने राधिका को मृत घोषित कर दिया। राधिका की मौत के बाद पुलिस शव का पीएम कराने पति हाकिम सिंह को तलाशती रही, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस ने राधिका के मायके पक्ष के लोगों को सूचना दी।
नहीं लिया शव: पुलिस की सूचना के बाद राधिका के पिता केहर सिंह यादव पृथ्वीपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे और उन्होंने राधिका को अपनी बेटी बताया। केहर उसका नाम रचना बता रहे थे। केहर सिंह ने उसका पीएम आदि कराया, लेकिन शव लेने से इंकार कर दिया। उनका कहना था कि यह शव उसके ससुराल के लोग लेकर जाएंगे। क्यों कि उन्होंने तो इसका लगभग एक साल से कुछ पता ही नहीं हैं। पुलिस के काफी समझाने के बाद भी केहर सिंह नहीं माने और उन्होंने राधिका का शव नहीं लिया। वहीं उसके ससुराल पक्ष को भी सूचना दी गई, लेकिन वहां से भी कोई नहीं आया। परिजनों द्वारा राधिका का शव न लेने पर पुलिस ने नगर परिषद के कर्मचारियों की मदद से उसके शव को दफना कर दिया।
कहते हैं अधिकारी: राधिका के माता-पिता को शव लेने के लिए काफी समझाया गया, लेकिन वह नहीं माने। उसके ससुराल में भी सूचना दी गई थी, लेकिन कोई नहीं आया। इसके बाद शव को दफना दिया गया हैं। पीएम रिपोर्ट आने के बाद पुलिस आगे की कारवाई करेगी।- मृगेन्द्र सिंह, थाना प्रभारी, पृथ्वीपुर।