मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी पंकज द्विवेदी ने बताया कि लगभग 9 वर्ष पूर्व 18 जुलाई 2010 को पृथ्वीपुर थाने के ग्राम वितर निवासी आरोपी बालाराम अहिरवार, सीताराम अहिरवार एवं मनीराम अहिरवार ने गांव के ही लच्छीराम, ठाकुरदास एवं पुष्पादेवी के साथ मारपीट की थी। सुबह 7.30 बजे के लगभग आरोपियों ने इन तीनों पीडि़तों की गाली-गलौज कर मारपीट की थी। पीडि़तों ने इस संबंध में पृथ्वीपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 323, 324/34 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में सुनवाई करते हुए निवाड़ी के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तीनों आरोपियों को धारा 323 में तीन-तीन माह एवं धारा 324 में एक-एक वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही आरोपियों पर दोनों धाराओं में 500 एवं 2 हजार रूपए अर्थदण्ड भी अभिरोपित किया है। यह दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
दिया हर्जाना: वहीं दूसरे मामले की जानकारी देते हुए सहायक जिला अभियोजन अधिकारी प्रमोद कुमार राय ने बताया कि लगभग 4 वर्ष पूर्व 20 सितम्बर की रात्रि 9 बजे आरोपी देवेन्द्र सिंह लोधी, सत्येन्द्र लोधी एवं हीरालाल एक ढाबे पर खाना खाने गए थे। यहां पर खाने को लेकर हुए विवाद पर उक्त तीनों आरोपियों ने मानसिंह की पिटाई कर दी थी। लोगों के बीच बचाव के बाद आरोपी वहां से भाग गए थे और मान सिंह ने इसकी शिकायत पुलिस ने की थी। पुलिस ने उक्त तीनों आरोपियों के खिलाफ धारा 324 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले में सुनवाई के बाद मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टीकमगढ़ ने तीनों आरोपियों को न्यायालय उठने तक की सजा एवं दो-दो हजार रूपए अर्थदण्ड से दंडित किया है। न्यायधीश ने आरोपियों पर लगाए गए अर्थदण्ड में से 5 हजार रूपए पीडि़त मान सिंह को हर्जाने के रूप में देने का भी आदेश दिया है।