script33 करोड़ की अमृत 2 योजना के लिए नहीं हो पा रहा स्थल चयन | Site selection is not being done for 33 crore Amrit 2 scheme | Patrika News

33 करोड़ की अमृत 2 योजना के लिए नहीं हो पा रहा स्थल चयन

locationटीकमगढ़Published: Sep 24, 2022 08:06:10 pm

Submitted by:

anil rawat

– 3 साल में पूरी होनी है योजना, योजना के लिए चाहिए 11.85 एमसीएम पानी

Site selection is not being done for 33 crore Amrit 2 scheme

Site selection is not being done for 33 crore Amrit 2 scheme

टीकमगढ़. नपाध्यक्ष और सीएमओ के बीच पटरी न बैठने से शहर को मिलने वाली 33 करोड़ रुपए की अमृत 2 योजना अधर में झूलती दिख रही है। इस योजना का निर्माण शहर में 2055 तक के लिए पेयजल आपूर्ति को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। लेकिन योजना के लिए जरूरी पेयजल के श्रोत को लेकर नपा अब तक कोई काम करती नहीं दिख रही है।


शासन द्वारा शहर की पेयजल व्यवस्था से लिए 33 करोड़ रुपए से अधिक की लागत की अमृत 2 योजना स्वीकृत की गई है। इस योजना को लेकर 12 सितंबर को परिषद की विषेश बैठक का आयोजन किया गया था। इस बैठक में बताया गया था कि वर्तमान में यह योजना बरीघाट के लिए स्वीकृत है, लेकिन यहां पर योजना के हिसाब से जरूरी 11.85 एमसीएम पानी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पार्षदों ने योजना को बान सुजारा बांध से बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन हकीकत में बान सुजारा बांध में भी इतना पानी नहीं है कि वहां से इस योजना को शुरू किया जा सके।

 

 

ऐसे में यह योजना अब अधर में लटक गई है। बैठक के बाद एक पखवाड़े का समय गुजरने के बाद भी परिषद तय नहीं कर पा रही है कि योजना को शुरू कराने के लिए पेयजल का श्रोत कहा से लिया जाए। विदित हो कि इस योजना को 3 साल में पूरा किया जाना है। योजना के लिए पूर्व में बरीघाट को चिंहित कर वहां से काम शुरू कराने का पूर प्रस्ताव और डीपीआर तैयार किया गया है।


जल्द ही तलाशा जाएगा जलश्रोत
वहीं इस मामले में नपा के पीएचई प्रभारी उपयंत्री अनीस खरे का कहना है कि वह अध्यक्ष के साथ बान सुजारा बांध के कार्यपालन यंत्री से बात कर पानी की उपलब्धता के बारे में जानकारी लेंगे। इसके साथ ही अन्य जलश्रोतों के बारे में भी पता किया जाएगा। उनका कहना है कि योजना को भविष्य के हिसाब से सही जगह पर तैयार कर काम शुरू कराया जाएगा।


नहीं मिल रहा सीएमओ का सहयोग
वहीं इस मामले में नपाध्यक्ष अब्दुल गफ्फार का कहना है कि उन्हें सीएमओ का सहयोग नहीं मिल रहा है। उनका कहना है कि वह ऑफिस में नहीं बैठती है, ऐसे में काम प्रभावित हो रहे है। इस संबंध में उन्होंने अब कलेक्टर से बात कर इसकी जानकारी देने की बात कही है। गफ्फार का कहना है कि जब तक अधिकारी का सहयोग नहीं मिलेगा काम करना मुश्किल होगा। उनका कहना है कि परिषद की बैठक में पहले ही पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग की थी, लेकिन वह रूक गए थे। उनका कहना है कि यदि उनका सहयोग नहीं मिला तो वह इसके बारे में भी सोचेंगे। उनका कहना था कि वह भी अमृत 2 योजना को लेकर स्थाई जलश्रोत की व्यवस्था करने का प्रयास कर रहे है। इस संबंध में सीएमओ से बात नहीं हो सकी है। विदित हो कि नपा के गठन के बाद से ही यह तनातनी बराबर चलती दिख रही है। ऐसे में तमाम काम प्रभावित हो रहे है।

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