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बैंकों के दरदवाजें बंद, बाहर लगी उपभोक्ताओंं की भीड़

locationटीकमगढ़Published: Jul 04, 2020 09:55:50 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

नगर में डेढ़ दर्जन से अधिक बैंक संचालित किए जा रहे है। कुछ बैंकों में तो नियमों के तहत कोरोना काल में कार्य किया जा रहा था तो कुछ बड़ी बैंकों द्वारा

 Social distance forgotten due to negligence of bank management

Social distance forgotten due to negligence of bank management


टीकमगढ़.नगर में डेढ़ दर्जन से अधिक बैंक संचालित किए जा रहे है। कुछ बैंकों में तो नियमों के तहत कोरोना काल में कार्य किया जा रहा था तो कुछ बड़ी बैंकों द्वारा घोर लापरवाही की जा रही है। वहीं उपभोक्ताओं को बाहर खड़ा किया जा रहा है। जहां भीड़ भाड़ एकत्रित हो रही है। बुधवार को किसी भी बैंक में सोशल डिस्टेंस नहीं दिखा। इन दिनों कोरोना संक्रमण ने भी रफ्तार पकड़ ली है। अगर समय रहते कार्य के साथ जागरूकता नहीं बरती गई तो आमजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
बुधवार को पत्रिका की टीम ने नगर में संचालित सभी बैंक शाखाओं का कोरोना संक्रमण बचाव के हालात देखे। लेकिन वहां के हालात संक्रमण बचाव के उलट दिखाई दिए। सभी बैंकों के बाहर और अंदर संक्रमण से बचने के आदेश तो चस्पा थे। लेकिन किसी भी बैंक में सोशल डिस्टेंस का पालन नहीं किया जा रहा था। कुछ बैंकों में गार्ड द्वारा एक-एक करके उपभोक्ताओं को अंदर जाने दे रहे थे तो कुछ बैंकों में गार्ड के साथ अन्य कर्मचारियों द्वारा दरवाजा का ताला लगाकर उपभोक्ताओं को बाहर खड़ा रखे हुए थे। उपभोक्ता घंटों दरवाजा का ताला खुलने का इंतजार कर रहे थे। वहीं कोरोना वायरस का डर सता रहा था और भीषण गर्मी के शिकार हो रहे थे।
एसबीआई मुख्य ब्रांच के बाहर लगी उपभोक्ताओं की भीड़
जिले की एसबीआई मुख्य बैंक शाखा किले का मैदान में है। ११.३० बजे बैंक के दोनो दरवाजों पर उपभोक्ताओं की भीड़ लगी थी। पास में देखा तो गार्ड द्वारा दरवाजा की शटर में ताला लगाकर बंद किया गया था। ग्रामीण क्षेत्र से आए बुर्जुग, अधेड़ के साथ युवा बैंक कार्य के लिए अनंत मिन्नतें कर रहे थे। लेकिन उनके द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही थी। बैंक के दोनो दरवाजों पर भीड़ भाड़ दिखाई दे रही थी। इसके साथ ही अधिकांश लोगों के मुह पर मास्क भी नहीं था।

कर्मचारियों ने लगाया शटर का ताला
किले के मैदान में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में किसानों की भीड़ भाड़ पैसे निकालने के लिए लगी हुई थी। किसान महेश अहिरवार, संतोष विश्वकर्मा और जयपाल यादव ने बताया कि सरकारी खरीद में गेहूं बेचा गया था। उसकी रकम निकालने के लिए बैंक के दरवाजा के पास सुबह १०.१५ बजे आ गया था। बैंक में कर्मचारी तो जा रहे थे। लेकिन किसानों को पैसा निकालने के लिए अंदर जाने नहीं दे रहे थे। बैंक वालों का कहना था कि कोरोना वायरस से बचने के लिए सोशल डिस्टेंस जरूरी है। लेकिन बाहर सोशल डिस्टेंस ध्वस्त था।
उपभोक्ताओं ने ब्यां किया दर्द
बैंकों में आए उपभोक्ताओं का कहना था कि इन दिनों कोरोना वायरस फैल रहा है। वह वायरस नहीं फैले उसके लिए सोशल डिस्टेंस के साथ कुछ गज की दूरी बनाकर कार्य किया जाए। लेकिन यह सोशल डिस्टेंस बैंक प्रबंधन ध्वस्त कर रहे है। वायरस को बढावा देने से नहीं चूक रहे है। जो उपभोक्ता भीड़भाड़ में बाहर खड़े है वह बैंक कार्य के लिए अंदर जाएगें तो कर्मचारी कैसे सुरक्षित रहेगा।
जिला प्रशासन फैला रहा जागरूकता, बैंक कर रहा ध्वस्त
नगर के साथ जिले में जिला प्रशासन द्वारा कोरोना वायरस के प्रति जागरूक होने के लिए कई प्रकार के अभियान चला रहा है। पुलिस प्रशासन बगैर मास्क और दो से अधिक दो पहिया वाहन पर बैंठे लोगों पर कार्रवाई कर रहा है। लेकिन बैंक प्रबंधन इन सभी नियमों को ध्वस्त करता जा रहा है। सभी नियम बैंक दरवाजा पर पहुुंचते ही खत्म हो जाते है। जो आमजनों के साथ उन्हीं बैंक कर्मचारियों के लिए खतरा बन सकता है।
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