शनिवार को जिला अस्पताल में दो महिलाओं को ए पॉजीटिव ब्लड की जरूरत थी। एक महिला के पति की हालत रक्तदान करने की नहीं थी, तो दूसरे के परिजनों का ग्रुप मैंच नहीं कर रहा था। ऐसे में रक्तदान का काम करने वाली संस्था ईशानिका मेमोरियल फांउडेशन को इसकी सूचना दी गई। सूचना मिलते ही फाउंडेशन के सौरभ जैन पाली ने अपने ग्रुप के ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप वालों को इसकी सूचना दी। वहीं इसकी जानकारी जैसे ही एसपी रोहित काशवानी को हुई वह सीधा जिला अस्पताल पहुंचे और रक्तदान किया। एसपी के रक्तदान करने के लिए पहुंचने पर अस्पताल प्रबंधन में भी खलबली से मच गई। वहीं महिला को रक्तदान करने के बाद एसपी काशवानी ने बताया कि यह उनका पांचवां रक्तदान है। उनका कहना था कि रक्तदान की प्रेरणा उन्हें अपने पिता जी एवं मामा जी से मिली है। वह हमेशा ही लोगों की मदद के लिए रक्तदान करते थे। वहीं रक्तदान को लेकर आज भी लोगों के मन में तमाम प्रकार की भ्रांतियों के प्रश्र को लेकर एसपी काशवानी का कहना था कि रक्तदान से कमजोरी आती है या शरीर में खून की कमी हो जाती है, यह सब खोखली भ्रांतियां है। रक्तदान करने से ऐसा कुछ नहीं होता है, बल्कि नया खून बनने से शरीर और अच्छा होता है। उन्होंने लोगों से इन भ्रांतियों को दूर करते हुए जरूरत पडऩे पर रक्तदान करने की अपील की।
प्रेरित होकर युवा ने किया रक्तदान
एसपी द्वारा किए गए रक्तदान से प्रेरित होकर तत्काल ही ईशानिका मेमोरियल के कार्यकर्ताओं के साथ जिला अस्पताल पहुंचे अविनाश दीक्षित ने भी अपना पहला रक्तदान कर दिया। यह उनका बोलेट्री डोनेशन था। एसपी के रक्तदान करने पर ईशानिका फाउंडेशन ने उनका अभार जताया है। वहीं सौरभ का कहना था कि ऐसे रक्तदान करने से लोगों की सोच पर काफी सकारात्मक असर पड़ता है।