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स्टाफ की कमी: शुरू नहीं हो पा रहे उपस्वास्थ्य केन्द्र, लटक रहे ताले

टीकमगढ़. जिले में स्वास्थ्य अमले की कमी के चलते लोगों को प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। आलम यह है कि जिले में कई नवनिर्मित उपस्वास्थ्य केंद्र महीनों से खाली पड़े हंै। वहीं कई पुराने स्वास्थ्य केंद्रों में भी कर्मचारियों के न होने से इन पर ताला डला हुआ है। इस मामले में विभाग भी लगातार शासन को समय-समय पर पत्राचार कर रहा है, लेकिन स्टाफ की कमी पूरी होती नहीं दिख रही है।

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टीकमगढ़. नव निर्मित उपस्वास्थ्य केंद्र।

टीकमगढ़. नव निर्मित उपस्वास्थ्य केंद्र।

ग्रामीण क्षेत्रों में लगातार बनाए जा रहे भवन, फिर भी झोलाछाप के चक्कर में पड़ रहे लोग

टीकमगढ़. जिले में स्वास्थ्य अमले की कमी के चलते लोगों को प्राथमिक सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं। आलम यह है कि जिले में कई नवनिर्मित उपस्वास्थ्य केंद्र महीनों से खाली पड़े हंै। वहीं कई पुराने स्वास्थ्य केंद्रों में भी कर्मचारियों के न होने से इन पर ताला डला हुआ है। इस मामले में विभाग भी लगातार शासन को समय-समय पर पत्राचार कर रहा है, लेकिन स्टाफ की कमी पूरी होती नहीं दिख रही है।

जिला अस्पताल सहित सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जहां डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं तो कई उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए एएनएम और एमपीडब्ल्यू जैसे कर्मचारी भी उपलब्ध नहीं हो रहे हैं। विदित हो कि लोगों को बेहर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए लगातार पंचायत स्तर पर उपस्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना की जा रही है, लेकिन स्टॉफ की कमी के चलते इनका लाभ किसी को नहीं मिल पा रहा है। आलम यह है कि एक दर्जन से अधिक जहां नए स्वास्थ्य केंद्र खाली पड़े हैं तो इतने ही पुराने उप स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले डले हुए हैं। इनको लेकर ग्रामीणों द्धारा हर बार शिकायतें की जाती है तो कई बार दुर्घटनाओं की स्थिति में लोगों को परेशान होकर सीधा जिला अस्पताल दौड़ लगानी पड़ती है। इन स्वास्थ्य केंद्रों के चक्कर में ग्रामीण क्षेत्र के लोग झोलाछाप डॉक्टरों के चक्कर में पड़ कर आर्थिक और शारीरिक रूप से भी कष्ट उठा रहे है।

लगातार सामने आ रहे मामले

विदित हो कि दो माह पूर्व लिधौरा स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न मिलने पर एक 16 वर्ष की किशोरी को उसके परिजनों ने लिधौरा के मेडिकल संचालक को दिखाया था, उसके द्धारा गलत इंजेक्शन लगाए जाने पर अब इस किशोरी का पैर खराब हो गया है और जांच के बाद अब मेडिकल संचालक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं।

वहीं पांच दिन पूर्व खरगापुर में भी झोलाछाप के चक्कर में एक युवक की जान पर बन आई थी। वह तो अच्छा हुआ कि यहां पर मौजूद डॉक्टर अंकित त्रिपाठी ने समय रहते सही उपचार कर इसकी जान बचा ली थी।

विदित हो कि इस प्रकार के मामले लगातार सामने आ रहे है। इसके बाद भी बंद पड़े उप स्वास्थ्य केंद्रों को लेकर किसी का ध्यान नहीं है। वर्तमान में चौबारा, करमासन घाट, कैलपुरा, जिनागढ़ खास, सुरजपुरा, लमेरा, चंद्रपुरा, हिरापुर, दोह चक्र एक, पचेरा खास, फुटेर चक्र 2, बुड़ेरा, मगरई एवं नयागांव में एएनएम उपलब्ध नहीं है। इसके साथ ही कुछ अन्य केंद्र खाली हैं।

इनका कहना है

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर कर्मचारियों की व्यवस्था कर दी गई है। उप स्वास्थ्य केंद्रों के लिए भोपाल से भर्ती की गई थी, लेकिन कुछ कारणों से वह निरस्त हो गई है। इसकी जानकारी और डिमांड लगातार मुख्यालय को भेजी जा रही है। कर्मचारियों की व्यवस्था होते ही पदस्थापना करा दी जाएगी।

- डॉ. शोभाराम रोशन, सीएमएचओ, टीकमगढ़।