हाल ही में टीकमगढ़ थाने में कुछ किसानों को पकड़ कर लिया गया था। यह किसान प्रदर्शन कर रहे थे। टीकमगढ़ थाने की पुलिस ने किसानों के साथ गाली गलौच की थी, थप्पड़ मारे और उन्हें धमकाया था। साथ ही जबरन कपड़े उतरवाकर बेइज्जत किया था। इस वाकये के बाद पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।
पत्रिका ने उठाया था मामला
घटना के बाद पत्रिका ने यह मामला प्रमुखता से उठाया था। पत्रिका ने पीडि़त किसानों के घर पहुंचकर उनकी व्यथा रिकार्ड की थी। खेत बचाने के लिए निकाल रहे थे रैली
किसानों ने पत्रिका को बताया था कि वे अपने हक के लिए रैली निकाल रहे थे। खेत बचाओ, किसान बचाओं रैली में करीब सौ किसान थे। सभी किसान दुनातर गांव के ही थे। जब किसान अपने घर लौट रहे थे तो पुलिस सभी को पकड़कर देहात थाने ले आई। जब थाने में हमें बैठा लिया गया तो दो-चार लोग तो पहले से ही नग्न हालत में बंद थे। 25 पुलिस वाले थे। सभी ने मारा पीटा और कपड़े उतार दिए।
तो मार डालती पुलिस
किसान रवि और रतिराम अहिरवार ने बताया था कि पुलिस हम और करीब 30-35 लोगों को लॉकअप में ले गई और वहां कपड़े उतरवाए। जब विरोध किया तो पुलिस वालों ने कहा कि ‘कपड़े नहीं उतारोगे तो हाथ काट लेंगे।’ पीडि़त किसान ने बताया पुलिस वालों का मारने का ही इरादा था, इसीलिए कपड़े उतरवाए। लोगों ने भी पुलिस के इस काम की काफी आलोचना की थी।
किसान रवि और रतिराम अहिरवार ने बताया था कि पुलिस हम और करीब 30-35 लोगों को लॉकअप में ले गई और वहां कपड़े उतरवाए। जब विरोध किया तो पुलिस वालों ने कहा कि ‘कपड़े नहीं उतारोगे तो हाथ काट लेंगे।’ पीडि़त किसान ने बताया पुलिस वालों का मारने का ही इरादा था, इसीलिए कपड़े उतरवाए। लोगों ने भी पुलिस के इस काम की काफी आलोचना की थी।