भटक रहे 602 किसान: ऐसे जिले में 602 किसान है। जिन्होंने अपना माल तो बेच दिया है, लेकिन उन्हें विक्रय की रसीद नही मिली है। इससे इन किसानों को न तो अब तक भुगतान हुआ है और न ही वह समितियों से अपना माल उठा पा रहे है। ऐसे में यह किसान परेशान बने हुए है। समिति पर पड़े अपने माल को प्रतिदिन देखने के साथ ही यह खाद्य विभाग और मार्फेड के चक्कर काट रहे है। लेकिन इन्हें केवल आश्वासन ही मिल रहा है। लगभग डेढ़ माह से परेशान हो रहे इन किसानों की समस्या दूर नही हो पा रही है।
इतना है माल: खाद्य विभाग की माने तो जिले की विभिन्न समितियों पर 602 किसानों का माल पड़ा हुआ है। ऑन लाईन विक्रय रसीद न कट पाने के कारण मार्फेड ने भी इस माल को गोदाम में नही रखा है। खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार विभिन्न समितियों पर 389 किसानों की 2514.35 क्विंटल उड़द एवं 213 किसानों की 4590.47 क्विंटल मूंगफली पड़ी हुई है। विभाग का कहना है कि इसके लिए शासन को पत्र खिलकर पोर्टल खोलने की मांग की गई है। कलेक्टर ने इस संबंध में शासन स्तर से बात की है।
कैसे होगी नातिन की शादी: माल बेचने के बाद रसीद न मिलने एवं भुगतान प्राप्त न होने से किसान परेशान है। जतारा निवासी किसान पीडी मिश्रा का कहना है कि चार साल के सूखे के बाद भगवान ने इस साल पानी दिया था। फसल
भी अच्छी हुई थी। वहीं भगवान ने नातिन का विवाह भी तय करा दिया था। सोचा था कि उड़द बेचकर जो रूपए मिलेगी उससे नातिन का अच्छे से विवाह कर लेंगे। लेकिन अब उनका काम अधर में लटक गया है। पीडी मिश्रा का कहना है कि यदि जल्द ही मामले का निराकरण न हुआ तो विवाह में समस्या हो जाएगी। ऐसे अन्य किसान भी है, जो भुगतान न होने से परेशान बने हुए है।
इनका कहना है: इस संबंध में कलेक्टर को सारी जानकारी दी गई है। कलेक्टर द्वारा शासन को पत्र लिखकर पोर्टल ओपन करने की मांग की गई है। पोर्टल ओपन होते ही सभी किसानों को रसीद प्रदान कर भुगतान की कार्रवाई की जाएगी।- राजेश तिवारी, एएफओ, टीकमगढ़।