जनपद पंचायत जतारा की ग्राम पंचायत गुड़ापाली में सचिव और रोजगार सहायक की मिलीभगत से 56 लाख 49 हजार रुपए का गबन किया गया था। यह मामला जांच में साबित होने के बाद प्रभारी डीपीओ संजीव कुमार वशिष्ट ने सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक के खिलाफ धारा 92 की कार्रवाई प्रस्तावित की थी। वहीं जनपद पलेरा की ग्राम पंचायत बूदौर में मृत हुए एक हितग्राही के हित की 1 लाख 20 हजार रुपए की राशि का गवन किया गया था। इस मामले में भी महज धारा 92 की कार्रवाई प्रस्तावित की गई थी।
सेवा से पृथक क्यों नहीं किया गया
कमिश्रर ने इस मामले में सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह गंभीर मामले है। इनमें दोषियों को निलंबित या सेवा से पृथक क्यों नहीं किया गया। यह साक्ष्य मिटाने का प्रयास दिखाई देता है। कमिश्रर का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई शासन के लिए उपहास का विषय बनेंगी और भविष्य में लोग ऐसा करने के लिए प्रेरित होंगे। कमिश्न ने कलेक्टर को पत्र लिखकर इसमें शामिल दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के साथ ही अब तक की गई बसूली की राशि की भी जानकारी मांगी है।
पूर्व विधायक ने की थी शिकायत
विदित हो कि इस मामले में खरगापुर की पूर्व विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने विकास आयुक्त भोपाल से शिकायत की थी। उन्होंने 20 अक्टूबर 2019 को पत्र लिखकर जिला पंचायत में पदस्थ प्रभारी डीपीओ संजीव कुमार वशिष्ट पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए इन पंचायतों में हुई गड़बड़ी की शिकायत की थी। इस पर हुई जांच के बाद लचर कार्रवाई होने से विकास आयुक्त ने भी इस मामले में नाराजगी जाहिर की थी। कमिश्नर से कलेक्टर को सात दिन के अंदर कार्रवाई करने को कहा है।