मामले की जानकारी देते हुए जिला लोक अभियोजन अधिकारी आरसी चतुर्वेदी ने बताया कि चार वर्ष पूर्व 19 अगस्त 2015 को एक पिता ने कोतवाली में शिकायत दर्ज कराई थी, उसकी नाबालिग बेटी गुम हो गई हैं। इस मामले में उन्होंने अज्ञात व्यक्ति पर उसे भगाकर ले जाने की शंका जाहिर की थी। पिता की शिकायत पर पुलिस ने खोजबीन का नाबालिग को दस्तयाब कर लिया था। नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि उसे पठा निवासी राहुल बाल्मीकि अपने साथ बहला-फुसलाकर ले गया था। आरोपी, उसे झांसी ले गया। यहां पर कई बार उसके साथ बलात्कार किया।
मेडीकल में हुई पुष्टी: नाबालिग की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी राहुल बाल्मीकि 25 वर्ष को गिरफ्तार किया और दोनों का मेडीकल परीक्षण कराया। मेडीकल परीक्षण में बलात्कार की पुष्टी होने के बाद पुलिस ने आरोपी राहुल बाल्मीकि के खिलाफ बलात्कार एवं पाक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था।
यह सुनाई सजा: इस मामले में चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश एवं पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश राजकुमार वर्मा ने आरोपी राहुल बाल्मीकि को धारा 366 में 5 वर्ष का कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड तथा पाक्सो एक्ट की धारा 5/6 में 14 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500 रुपए अर्थदण्ड की सजा से दंडित किया हैं। यह दोनों सजाए साथ-साथ चलेंगी।