कृषि उपज मंडी में खरीफ का अनाज आते ही फैलने लगी अव्यवस्थाएं
टीकमगढ़Published: Oct 12, 2022 07:36:16 pm
कृषि उपज मंडी में खरीफ का नया अनाज आने लगा है। व्यापारियों ने उस अनाज की खरीदी शुरु कर दी है। किसानों को मिलने वाली सुविधा, कैंटीन का भोजन, साफ मंडी मैदान, पार्क और रेस्टहाउस की सुविधाएं गायब है।


The facilities provided to the farmers are not being paid attention by the responsible
टीकमगढ़. कृषि उपज मंडी में खरीफ का नया अनाज आने लगा है। व्यापारियों ने उस अनाज की खरीदी शुरु कर दी है। किसानों को मिलने वाली सुविधा, कैंटीन का भोजन, साफ मंडी मैदान, पार्क और रेस्टहाउस की सुविधाएं गायब है। इसके साथ ही किसानों से होने वाली ठगी को रोकने की निगरानी करने वाले सीसी टीवी कैमरे टूटे पड़े है। अनाज को फैलाने वाले मैदान में कचरा फैला हुआ है। जिस पर प्रबंधन द्वारा कार्रवाई के लिए प्रयास नहीं किए जा रहे है।
कृषि उपज मंडी में किसानों को मिलने वाली अव्यवस्थाओं का अम्बार लगा हुआ है। पेयजल, अनाज की नीलामी करने के लिए कृषि उपज मंडी में साफ-सफाई, भोजन के लिए कैंटीन की सुविधा, पार्क में बैठने के व्यवस्था और सुरक्षा की तीसरी आंख भी बंद पड़ी है। यहां पर किसानों की सुरक्षा और सुविधाएं भगवान भरोसे चल रही है। वहां पर किसानों को मंडी में प्रवेश करने के लिए वाहनों की पर्ची शुल्क और व्यापारियों द्वारा खरीदी करके रुपए देने तक की ही कार्रवाई की जा रही है। उसके अलावा सुविधाओं के नाम पर कुछ नहीं है। जबकि मामले की शिकायत भी जिम्मेदार अधिकारियों को दर्जनों बार की गई। उसके बाद भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है।
छह महीनों से कैंटीन पड़ी बंद
किसानों ने बताया कि पिछले वर्ष खरीफ के अनाज को मंडी में लेकर आया था। नीलामी के समय पर्ची भी काटी गई थी। उसमें भोजन के लिए भी व्यवस्था थी। लेकिन कैंटीन बंद होने से लाभ नहीं मिल पाया था। उसके बाद रबी सीजन में अनाज लेकर आया था। मेरे साथ अन्य किसानों को भोजन की सुविधाएं नहीं मिल पाई थी। आज भी यही हाल है। कैं टीन बंद पड़ी है, जिसके कारण बाहर दुकानों को नाश्मा करना पड़ रहा है। किसानों ने कैंटीन चालू कराने की मांग की है।
पार्क में लगी घास और टूटा पड़ा दरवाजा
मंडी मैदान में किसानों के लिए बैठने और आराम करने के लिए सुंदर पार्क का निर्माण किया गया था। उसकी देखरेख नहीं होने के कारण पार्क के अंदर चारों ओर बड़ी-बड़ी घास उग आई है। बैठने वाली कुर्सियां टूट गई है, मंडी में जुडऩे वाले कचरे को पार्क में जमा होने से दुर्गंद फैल रही है। उसका मुख्य दरवार टूटा पड़ा है। प्रबंधन द्वारा किसानों को दी जाने वाली सुविधाओं का ध्यान नहीं देने आज वह सुविधाएं ध्वस्त हो गई है।