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टीकमगढ़

राम कलेवा के साथ हुआ महोत्सव का समापन, महिलाओं ने गाए बधाई गीत

टीकमगढ़/ओरछा. तीन दिवसीय श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव का शनिवार को भगवान राम और माता जानकी की पांव पखराई एवं राम कलेवा के साथ समापन हो गया। सुबह से भगवान राम और जानकी के पैर पखारने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। वहीं इस अवसर पर पहुंची महिलाएं यहां पर सुंदर बधाई गीत गा रही थीं। ओरछा के हर घर में पौनछक वितरित किया गया।

टीकमगढ़Dec 09, 2024 / 06:40 pm

Pramod Gour

ओरछा. सुबह से राम कलेवा में शामिल हुए श्रद्धालु।

ओरछा. सुबह से राम कलेवा में शामिल हुए श्रद्धालु।

ओरछा में श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव

टीकमगढ़/ओरछा. तीन दिवसीय श्रीराम-जानकी विवाह महोत्सव का शनिवार को भगवान राम और माता जानकी की पांव पखराई एवं राम कलेवा के साथ समापन हो गया। सुबह से भगवान राम और जानकी के पैर पखारने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे थे। वहीं इस अवसर पर पहुंची महिलाएं यहां पर सुंदर बधाई गीत गा रही थीं। ओरछा के हर घर में पौनछक वितरित किया गया।
बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली ओरछा नगरी में शनिवार को विवाह पंचमी के तीन दिवसीय आयोजन का समापन हो गया। इसके साथ ही पूरा परिसर सूना सा हो गया है। इसके पूर्व सुबह से भी मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। पूरी रात चली विवाह की रस्मों के बाद सुबह से श्रद्धालुओं ने भगवान राम और माता जानकी की पांव पखराई की। लगभग दो घंटे चली पांव पखराई के बाद यहां पर राम कलेवा (कुंवर कलेवा) की रस्म अदा की गई। इस अवसर पर सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया गया। कुंवर कलेवा की रस्म होने के बाद भगवान के विग्रह को यथावत मंदिर के गर्भगृह में रखा गया और फिर उनकी आरती पूजा की गई। इसके बाद बाल भोग का प्रसाद अर्पित करने के बाद श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया गया। मंदिर के पुरोहित वीरेंद्र बिदुआ ने बताया कि भगवान के राम कलेवा के साथ ही इस महोत्सव का समापन हो गया है। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही सभी घरों में भगवान के विवाह की पौनछक वितरित की गई है। अब विवाह महोत्सव के समापन के बाद यहां पर भगवान सत्यनारायण की कथा के बाद इसका विधिवत समापन होगा।
एक लाख से अधिक श्रद्धालु हुए शामिल

वहीं रात को निकली राजसी बारात में देश और विदेश से आए श्रद्धालु शामिल हुए। तहसीलदार एवं मंदिर के व्यवस्थापक सुमित गुर्जर ने बताया कि बारात में लगभग एक लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान है। उनका कहना था कि महज 2 किमी के बारात मार्ग का परिक्रमा करने में 6 घंटे का समय लगा था और रात 1 बजे जनकपुर में टीका हो सका था। उनका कहना था कि इस बार भी अनुमान से अधिक श्रद्धालु इस आयोजन में शामिल हुए है। वहीं सुबह प्रशासन द्वारा इस आयोजन में शामिल होने आई मंडलियों को सम्मानित किया गया।

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