जिले में शुरू हुए राजस्व महाभियान को लेकर एक बार फिर से प्रशासन सक्रिय हो गया है। इसके लिए अधिकारियों द्वारा लगातार तहसील क्षेत्रों का भ्रमण कर यहां पर लंबित प्रकरणों की जानकारी ली जा रही है और सभी को समय सीमा में निराकृत करने के निर्देश दिए जा रहे है। लेकिन जतारा सहित क्षेत्र की अन्य तहसील कार्यालयों में पदस्थ कर्मचारियों एवं अधिकारियों की अनदेखी के चलते लोग परेशान है। उनकी समस्याओं का सालों से निराकरण नहीं हो पा रहा है और वह लगातार यहां के चक्कर काट रहे है।
सालों से चक्कर लगा रहे किसान जतारा तहसील के गांव गुंडा नदी पाली निवासी सरमन पाल ने बताया कि उनकी जमीन का नामांतरण और बंटवारा होना है। इसके लिए वह तीन सालों से परेशान है। नामांतरण न हो पाने के कारण उनकी जमीन का नाप नहीं हो रहा है। वहीं टपरियन चौहान से आए किसान भगवान दास ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में एक साल से जमीन के सरकारी बंटवारे को लेकर पेशी कर रहै है, लेकिन आज तक आदेश जारी नहीं किया गया है। यही हाल गरौली गांव निवासी रामेश्वर अहिरवार का है। उनका भी बंटवारा प्रकरण दो साल से लंबित है और निराकरण नहीं किया जा रहा है। खरोई गांव के कांशीराम केवट भी जमीन के बंटवारा और नामांतरण को लेकर परेशान हैं, लेकिन अधिकारी कर्मचारी सुनने को तैयार नहीं है।
यह बोले जिम्मेदार राजस्व महाअभियान 3 के माध्यम से किसानों व आमजन के राजस्व मामलों का निराकरण किए जाने को लेकर शासन स्तर से सूची आई है। जिसमें एसडीएम कार्यालय, तहसील कार्यालय, नायब तहसीलदार के यहां लंबित प्रकरणों का सूची के अनुसार निराकरण किया जाएगा।
शैलेंद्र ङ्क्षसह, एसडीएम, जतारा। तहसील कार्यालय में 140 राजस्व प्रकरण लंबित है। जिसमें अभी तक 40 का निराकरण किया जा चुका है। शेष प्रकरणों के निराकरण की कार्रवाई प्रचलन में है। वंदना राजपूत, तहसीलदार, जतारा।