मंगलवार को जिले में आसमान जहां आग बरसा रहा था, वहीं जमीन तप कर अंगार हो रही थी। जिले में मंगलवार को पहली बार पारा 46 डिग्री सेल्सियस पर पहुंचा। मंगलवार की सुबह से ही लोगों को तीखी गर्मी का अहसास हो रहा था। आलम यह था कि सुबह 9 बजे से ही सड़कों पर सन्नाटा पसर गया था। तीखी धूप और गर्म हवाओं के साथ ही जमीन से निकल रही लपटों के कारण लोगों घरों से बाहर निकलने की हिम्मत नही जुटा पा रहे थे। इस भीषण गर्मी के चलते काम से बाहर निकल रहे लोग खुद को सिर से पैर तक ढकें हुए थे, लेकिन इसके बाद भी गर्मी से राहत मिलती नही दिखाई दे रही थी।
जमीन हुई अंगार: पिछले एक पखवाड़े से लगातार 45 डिग्री के आसपास बने तापमान एवं मंगलवार को 46.4 डिग्री पर पहुंचे तापमान के कारण जमीन भी अंगार हो गई थी। कृषि महाविद्यालय के मौसम विज्ञान केन्द्र की माने तो मंगलवार की दोपहर 2 बजे के लगभग जमीन के पांच सेटीमिटर अंदर मिट्टी का तापमान 55 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था। मौसम वैज्ञानिक डॉ एके श्रीवास्तव का कहना था कि मिट्टी का यह तापमान भी बहुत अधिक हंै। सतह पर तो यह 60 डिग्री के ऊपर होगा। आसमान से बरस रही आग और तप रही जमीन के बीच लोगों को कैसा अनुभव हो रहा होगा समझा जा सकता हंै।
कूलर-पंखा फेल: इस भीषण गर्मी में लोगों को कूलर भी राहत देते नही दिखाई दे रहे हंै। लोगों के बाहर लगे कूलर जहां दिन में दो बार पानी की मांग कर रहे है, वहीं अंदर रखे कूलर तो ठंडी हवा भी नही दे पा रहे हंै। जिन लोगों के मकान सिंगल स्टोरी के हंै, उन घरों में तो पंखे भी गर्म हवा फैंक रहे हैं। इस बार जून के महिने नें लोगों को हलाकान कर दिया हैं।
छाएंगे बादल, आएंगी आंधी: लगातार बड़ रहे तापमान और गर्म हो रही जमींन के बीच मौसम वैज्ञानिक डॉ एके श्रीवास्तव ने चेतावनी जारी की है कि अब आसमान में बादल छाएंगे और तेज आंधियां चलेगी। उनका कहना था कि जमीन के इतने गर्म होने के बाद मौसम में यह बदलाव आएंगा। वहीं उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि वह अपने खेतों को जोत कर छोड़ दें। इस मौसम में जब तक ठीक बारिश नही होती है कि किसी प्रकार की बोवनी न करें।
लोगों को कहना होगा विचार: जिले में पहली बार 46 के पार पहुंचे तापमान के बाद अब लोगों को इस पर गंभीरता से विचार करना होगा। जिले में लगातार हो रहे वन संपदा के दोहन एवं विकास के नाम पर काटे जा रहे वृक्षों के कारण तेजी से पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा हैं। विदित हो कि पिछले सात-आठ वर्षों में जिले में विकास के नाम पर कई सड़कों का विस्तार किया गया हैं। इन सड़कों के निर्माण के लिए हजारों की संख्या में पेड़ काटे गए हैं। विभाग की ओर से ठेके में यह शर्त भी थी कि जितने पेड़ काटे जाएंगे, उससे 10 गुना अधिक पौधे लगाए जाएंगे और उनकी सुरक्षा की जाएगी। लेकिन ऐसा किसी भी सड़क पर नही हुआ। वहीं प्रतिवर्ष पर्यावरण संरक्षण के नाम पर प्रशासन और वन विभाग द्वारा लगाए जाने वाले लाखों पौधों का हाल भी सभी के सामने हैं। ऐसे में तापमान का लगातार बढऩा सभी के लिए एक चेतावनी है। यदि लोग अभी अपने पर्यावरण के लिए नही चेते तो आने वाले समय में हालात और भी गंभीर होंगे। इस बढ़ते तापमान में लोगों को गंभीरता से विचार करना होगा।