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टीकमगढ़

नहीं सुधारी सरकारी स्कूलों की छत, फि र टपकते पानी के नीचे बैठेंगे बच्चे

टीकमगढ़ में २०० तो निवाड़ी जिले में ८० स्कूल जर्जर

टीकमगढ़May 19, 2024 / 06:08 pm

akhilesh lodhi

टीकमगढ़ में २०० तो निवाड़ी जिले में ८० स्कूल जर्जर

टीकमगढ़ में २०० तो निवाड़ी जिले में ८० स्कूल जर्जर

टीकमगढ़ में २०० तो निवाड़ी जिले में ८० स्कूल जर्जर

टीकमगढ़.टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूलों की दशा सुधर नहीं पाई है। बारिश के समय स्कूलों की छत से पानी टपकता है। वहीं कक्षाओं के बीच सीमेंट की परत भी गिरती है। अब फिर से बारिश के मौसम में छात्रों को टपकती छत के नीचे बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर होना पड़ेगा। विभाग के रिकॉर्ड अनुसार दोनों जिलों में २८० से अधिक स्कूल और उनकी छत जर्जर बनी हुई है।
जून से स्कूलों का संचालन शुरू होगा। लेकिन शहर की शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं की दशा अब भी नहीं सुधरी है। जबकि स्कूल प्रबंधनों ने जर्जर भवनों की सूचना पत्रों के माध्यम से शिक्षा विभाग के साथ जनपद पंचायत और जिला पंचायत को सालों से भेजते आ रहे है। बारिश के समय छत से टपकते पानी के कारण छुट्टी करनी पड़ती है। स्कूल के रखरखाव के लिए प्राथमिक में १५ से २० हजार रुपए और माध्यमिक शालाओं में ४० से ५० हजार रुपए छात्रों की संख्या अनुसार दिया जाता है।
टीकमगढ़ में २०० और निवाड़ी में ८० स्कूल जर्जर
विभाग के अधिकारी ने बताया कि टीकमगढ़ जिले में प्राथमिक, माध्यमिक स्कूल १५९२ और निवाड़ी में ६५३ है। दोनों जिलों में २० प्रतिशत से अधिक स्कूल जर्जर है। जिसकी जानकारी है। टीकमगढ़ में २०० और निवाड़ी जिले में ८० से अधिक स्कूल जर्जर बने है। दोनों जिलों की रिपोर्ट तैयार की गई है। एक लाख तक के कार्य का टेंडरी जारी किया जाएगा और उससे कम वाले कार्य को स्कूल प्रबंधन द्वारा कराया जाएगा।
किसी की छत तो किसी की दीवार जर्जर
बताया गया कि अधिकतर स्कूलों की छते और कुछ स्कूलों की दीवारे जर्जर हो गई है। जहां बारिश के समय बैठना किसी खतरे से कम नहीं है। ज्यादा बारिश होने पर स्कूल की छुट्टी तक करनी पड़ती है। वहीं हाथ धोने के लिए बने हैंडवाश भी खंडहर हो गए है। जिसकी शिकायत भी की गई है।
केस एक
टीकमगढ़ जनपद पंचायत के हनुमानसागर एक शाला एक परिसर प्राचार्य दिलीप कुमार जैन ने बताया कि प्राथमिक शाला के कक्ष की छत बारिश के समय टपकती है। पिछले वर्ष तो छत से सीमेंट गिरने लगा था। दो महीने तक तो उस कक्ष में ताला लगाए रहे। जिससे छात्र कक्ष में नहीं जाए। उसकी मरम्मत के लिए वरिष्ठ कार्यालय को पत्र भी दिया था।
केस दो
जतारा जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत कुर्राई के बर्मामांझ प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर धर्मेंद सिंह घोष ने बताया कि शाला के भवन की छत से सीमेंट गिर गया है। उसकी छत में सीमेंट के बीच में बिछाए गए तार दिखाई देने लगे है। हादसे के इस डर के कारण कक्षाएं स्कूल मैदान और पेड़ के नीचे लगाते है। हालांकि इसकी मरम्मत के लिए स्वीकृति मिल गई है।
केस तीन
पृथ्वीपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के शासकीय प्राथमिक शाला पालन का खिरक विरौरा पहाड़ा स्कूल का भवन बारिश के समय आधा गिर गया था। कुछ हिस्सा और आधी छत बची है। जिसका बारिश से समय डर बना रहता है। बारिश के दौरान छात्रों को इस अधूरे भवन की ओर जाने से रोक देते है। इसको गिराने या फिर निर्माण कराने की मांग ग्राम वासियों के साथ स्कूल प्रबंधन कर चुका है।

टीकमगढ़ और निवाड़ी जिले में २०-२० प्रतिशत स्कूल जर्जर है। उनको चिन्हित कर लिया गया है। उनका मरम्मत कार्य करवाने की योजना बनाई जा रही है।
राजेंद्र कुमार समाधिया, उपयंत्री सर्व शिक्षा अभियान डीपीसी कार्यालय टीकमगढ़/ निवाड़ी।

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