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संस्कृत में मप्र गान तैयार कर चुका है ध्रुवा बैंड, अब एकात्म यात्रा में बना आवाज

locationटीकमगढ़Published: Jan 03, 2018 05:00:16 pm

एकात्म यात्रा में वैसे तो साफ तौर पर राजनैतिक परिदृश्य साफ तौर पर नजर आ रहा है परंतु इस यात्रा के दौरान धु्रवा संस्कृत बैंड

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आकेश दुबे, टीकमगढ़.एकात्म यात्रा में वैसे तो साफ तौर पर राजनैतिक परिदृश्य साफ तौर पर नजर आ रहा है परंतु इस यात्रा के दौरान ध्रुवा संस्कृत बैंड की प्रस्तुतियां खास तौर पर आकर्षण का केन्द्र हैं। विश्व में शायद अनूठे और प्रथम प्रयास के तहत इस बैंड की स्थापना की गई है। देश के कई हिस्सों में इस बैंड द्वारा अपनी प्रस्तुति दी जा चुकी है।
इस बैंड की स्थापना करने वाले डॉ. संजय द्विवेदी इन दिनों भोपाल में निवास कर रहे हैं परंतु उनका जन्म और प्राथमिक परवरिश दमोह जिले के हटा कस्बे में हुई। 24 मार्च 2015 को उन्होंने ध्रुवा संस्कृत बैंड की स्थापना की। संस्कृत बैंड की स्थापना के पीछे की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं है। उन्होंने बताया कि शुरूआत में शास्त्रीय गायन में उनका रूझान था। जिसका एक अलग हटकर श्रोता वर्ग है। धीरे-धीरे शास्त्रीय गायन के क्षेत्र में देश के कई हिस्सों में जाने का मौका मिला तो कई संस्कृतियों को करीब से देखा। महानगरों में फ्रेंच और रशियन बैंडों की प्रस्तुति को देखकर उन्होंने कुछ अलग करने का मन बनाया। धीरे-धीरे तैयारियों के बीच संस्कृत बैंड की स्थापना का ख्याल उनके मन में आया और 2015 में उन्होंने इस बैंड की स्थापना की।
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दस सदस्यीय है बैंड: डॉ. द्विवेदी ने बताया कि बैंड की स्थापना के साथ ही इससे 10 सदस्य जुड़े हुए हैं। जो निरंतर देश भर में अपनी प्रस्तुतियां देते हैं। उनके द्वारा संस्कृत में मध्य प्रदेश गान तैयार किया गया है। डॉ. संजय द्विवेदी जब किसी संस्कृत गीत का संयोजन करते हैं तो उनकी पत्नि ज्ञानेश्वरी द्विवेदी उसे अपनी आवाज देती हैं। हालांकि दोनों पति-पत्नि इस बैंड में अपनी आवाज देते हैं। डॉ. द्विवेदी के मुताबिक इस बैंड को शुरू करने के पूर्व से ही उनका आत्मविश्वास चरम पर था। जिसके चलते उसके संचालन में उन्हें कभी कोई परेशानी नहीं आई।
संस्कृति विभाग ने दिया प्रोजेक्ट: डॉ. द्विवेदी के मुताबिक संस्कृति विभाग द्वारा एकात्म यात्रा के लिए यात्रा के पहुंचने के पूर्व मंच संभालने एवं अपने प्रस्तुतियां देने की जिम्मेदारी उनके बैंड को सौंपी गई है। प्रदेश भर में चार स्थानों से प्रारंभ हुई इन एकात्म यात्राओं में उनकी 30 सदस्यीय टीम फिलहाल अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इन प्रस्तुतियों में शिव तांडव, मध्य प्रदेश गान की प्रस्तुति खास है।
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