वहीं प्रधानाध्यापक संगीता यादव ने बताया कि स्कूल में खाना बनाने वाली महिलाओं ने जो मेरे ऊपर आरोप लगाए हैं वह सारे आरोप निराधार हैं। मैंने किसी के साथ कोई मारपीट नहीं की है। एक बच्ची वर्षा जिसने मुझे बताया था कि सब्जी देने वाली महिला ने मुझे पतली सब्जी दी है तो मैंने उससे बोला कि बच्ची को और सब्जी दे दो तो उसने सब्जी देने से मना कर दिया। इसी को लेकर थोड़ी कहा-सुनी हो गई थी। उन्होंने बताया कि समूह के द्वारा स्कूल में बनने वाला खाना गुणवत्ता हीन बनाया जाता है और बच्चों को मीनू के अनुसार खाना नहीं दिया जाता है। इस पर मैं आवाज उठाती हूं तो यह लोग मुझसे विवाद की स्थिति बनाते हैं। वहीं प्राथमिक शाला के बच्चे अनिरुद्ध, लक्ष्मी, नैतिक, रोशनी, विवेक ने बताया कि मुझे स्कूल में आने वाले खाना सही मिलता है। घर जैसा खाना मिलता है। खाने में बाल कंकड़ नहीं निकलते हैं। फि लहाल इस मामले को लेकर दिगौड़ा पुलिस ने जांच कर सभी पक्षों के बयान लिए हैं। दोनों पक्षों को समझाइश दी गई है की स्कूल में बनने वाला खाना मीनू के अनुसार ही बनाया जाए। स्कूल में गुरुवार को कढ़ी चावल का ही खाना समूह के द्वारा बनाया गया था जबकि मीनू के अनुसार पुलाव सलाद नहीं बनाए गए थे