विधानसभा में उठा मामला: इस संबंध में खरगापुर विधायक चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर ने विधानसभा प्रश्र लगाया है। उन्होंने इस सड़क निर्माण में की जा रही लापरवाहियों के साथ ही सड़क निर्माण में उपयोग की गई रेत एवं मुरम की रॉयल्टी जमा न करने के विषय में जानकारी मांगी है। विधानसभा में प्रश्र उठने के बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं विभाग इस मामले में अब अपने बचाव के तरीके खोजता दिखाई दे रहा है। इस मामले में चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर का कहना था कि यह पूरा मामला विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत का है।
पहले भी हो चुकी है राजस्व की हानि: विदित हो कि इसके पूर्व भी शासन को जिले में बड़ी मात्रा में राजस्व की हानि हो चुकी है। जिले से निकलनी इतनी बड़ी रेलवे लाईन के काम में भी खनिज विभाग को महज 10-12 लाख रूपए की रायल्टी का ही भुगतान किया गया है। यह भुगतान भी तब हुआ था जब पत्रिका ने इस मामले को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था। मामला प्रकाशित होने के बाद जागे खनिज विभाग ने इस मामले में रेलवे को पत्र जारी कर रायल्टी जमा कराने के निर्देश दिए थे।
कहते है अधिकारी: मंजना-पलेरा मार्ग में कई अनियमितताएं की गई है। काम में गुणवत्ता का ध्यान न रखने के साथ ही रायल्टी भी जमा किए बिना भुगतान किया गया है। इस मामले को विधानसभा में उठाया गया है। इस पर शायद कल जबाव पेश किया जाएगा। जबाव आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।- चंदा सुरेन्द्र सिंह गौर, विधायक, खरगापुर।
ठेकेदार द्वारा रेत खुद बनाई जा रही है। इसलिए इस पर रायल्टी देय नही है। वहीं उनके द्वारा मुरम खुद न निकाल कर किसी मुरम खदान से क्रय किया जा रहा है। मुरम की रायल्टी उनके द्वारा वहीं पर जाम की जा रही है। जबाव विधानसभा में भेज दिया गया है।- मनोज सक्सेना, कार्यपालन यंत्री, लोक निर्माण विभाग, टीकमगढ़।