टीकमगढ़

फिर न्यायालय में पहुंचा नगरीय निकाय का मामला, फंस सकता है पेंच

प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रणाली के विरोध में हाईकोर्ट पहुंची कांग्रेस, दायर की याचिका

टीकमगढ़May 30, 2022 / 10:32 pm

anil rawat

Then the matter of the urban body reached the court, the screw may get

टीकमगढ़. नगरीय निकाय चुनाव में एक बार फिर से पेंच फंसता दिख रहा है। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रजनी जयसवाल ने राज्य शासन के नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराने के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार को कोर्ट ने उनकी यह याचिका स्वीकार कर ली है। यदि इस याचिका पर न्यायालय शासन को कोई निर्देश जारी करता है तो एक बार फिर से यह चुनाव फंस सकता है।


राज्य शासन द्वारा इस बार महापौर के चुनाव जहां प्रत्यक्ष प्रणाली से कराने का निर्णय लिया है तो नगर पालिका और नगर परिषदों के चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से पार्षदों के द्वारा कराए जाने का निर्णय लिया है। शासन के इस निर्णय को टीकमगढ़ की महिला कांगे्रस की जिलाध्यक्ष रजनी जयसवाल ने कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने समान आधार पर होने वाले चुनाव के लिए दो प्रकार की प्रणाली अपनाने की राज्य शासन की नीति एवं मंशा पर सवाल उठाए है। उनके द्वारा दायर की गई याचिका क्रमांक पीडब्ल्यू/1255/2022 को हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है।

एक ही चीज के लिए दो मापदंड क्यों
रजनी जयसवाल ने राज्य शासन के इस निर्णय को गलत बताते हुए कहा कि एक ही चीज के लिए दो मापदंड कैसे हो सकते है। नगरीय निकाय चुनाव में महानगर पालिका, नगर पालिका और नगर परिषद में केवल जनसंख्या का अंतर होता है। तमाम निकायों का काम एक ही है। ऐसे में बढ़े क्षेत्र के लिए अलग प्रक्रिया और छोटे क्षेत्र के लिए अलग प्रक्रिया कैसे हो सकती है। उनका कहना था कि कल के दिन सरकार यह भी कह सकती है कि पिछड़े क्षेत्रों में विधायक का चुनाव नहीं होगा, वहां पर सत्तादल मनोनयन करेगा। उनका कहना था कि चुनाव एक ही तरीके से कराए जाने चाहिए। उनका कहना था कि कोर्ट अब इस पर सुनवाई करेगी और वह अपना पक्ष रखेंगी।

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