वर्ष २०१८ के पहले जवाहर चौक पर मजदूरों का स्थान था। वहां पर सुबह से ११ बजे तक यातायात प्रभावित होती थी। सिटी कोतवाली पुलिस ने घंटा घर के पास मजदूरों को एकत्र होने की व्यवस्था बनाई थी और कई सभाओं में मजदूरों के लिए टीन शेड बनाने की घोषणाएं भी की गई थी। लेकिन कुछ नहीं हुआ। बारिश और धूप से बचने के लिए डिवाइडर के पेड और राजेंद्र पार्क का मानस मंच का उपयोग करते है।
पहले जवाहर चौराहा मजदूरों का स्थान था, फिर घंटा घर के पास स्थान कर दिया है। लेकिन यहां पर मजदूरों के लिए कोई सुरक्षित स्थान नहीं है। उन्हें बारिश और धूप के समय सबसे ज्यादा परेशानियां होती है। सैकड़ों की संख्या में मजदूरों को छुपने के लिए एक भी स्थान नहीं है। जहां पर बैठकर छुप सकें।
बालकिशन विश्वकर्मा, घंटाघर के पास।
रमेश प्रजापति, समाजसेवी टीकमगढ़।
श्यामलाल अहिरवार, हजूरीनगर। घंटा घर के सामने खाली पड़ी जमीन पर मजदूरों के लिए एक टीनशेड और चबूतरा बनाया जाएगा। उस स्थान पर बारिश, धूप में मजदूर बैठ सके।
महेश प्रसाद असाटी, दुकानदार।