प्रवासी मजदूरों के बच्चों को बगैर प्रमाण पत्र पर दिया जाएगा प्रोविजनल प्रवेश
कोरोना काल के कारण दूसरे शहरों में निवास कर रहे मजदूरों की घर वापसी हो गई है। लेकिन उनके बच्चें तत्कालीन निवास के स्कूलों में अध्ययनरत थे।

टीकमगढ़.कोरोना काल के कारण दूसरे शहरों में निवास कर रहे मजदूरों की घर वापसी हो गई है। लेकिन उनके बच्चें तत्कालीन निवास के स्कूलों में अध्ययनरत थे। जिसके कारण उनकी पढ़ाई में कोरोना वायरस लक्ष्मन रेखा बना हुआ है। ऐसे छात्रों के लिए राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त ने बगैर प्रमाणपत्र के प्रोविजनल प्रवेश देने के आदेश दिए है। वहीं नवीन छात्राओं को छात्रावास में प्रवेश देने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
जिले में ७५ हजार के करीब प्रवासी मजदूर कोरोना काल में वापस घर वापस लौटे है। इसके साथ ही हजारों बच्चें पढाई छोड़कर आ गए है। लेकिन कोरोना काल के कारण वह पढ़ाई करने में अछूते बने हुए है। इस स्थिति को देखकर राज्य शिक्षा केंद्र आयुक्त लोकेश कुमार जाटव ने आदेश जारी किया है। उसमें आदेश में कहा कि प्रवासी मजदूरों के बच्चों का प्रवेश बगैर प्रमाण पत्रों पर दिया जाए। यह प्रवेश प्रोविजनल रहेगा। जिसके तहत वह पूरे समय स्कूलों में पढ़ाई कर सकेगें।
बच्चों के प्रवेश के लिए चलाया जाएगा अभियान, दिया जाएगा आवासीय प्रशिक्षण
सर्व शिक्षा अभियान डीपीसी ने बताया के प्रवासी मजदूरों के बच्चों को खोजने के लिए अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत बच्चों का उम्र अनुसार विशेष आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। दक्षता के अनुसार प्रवेश दिया जाएगा। उनका कहना था कि उन्हें पलायन छात्रावास के लिए चिन्हित किया जाएगा। जिससे बच्चों की साल के साथ शिक्षा पर बुरा असर नहीं पड़ेगा।
छात्रावासों में नहीं दिया जाएगा नवीन प्रवेश, प्रवासी छात्राओं को दिया जाएगा प्रवेश
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बालिका छात्रावास, बालक छात्रावास में आगामी आदेश तक नवीन प्रवेश नहीं दिया जाएगा। कक्षा ६वीं से ९वीं की छात्राओं को छात्रावासों में प्रवेश के लिए राज्य शिक्षा केंद्र के प्रावधानों पर कार्रवाई पूर्ण की जाएगी। वहीं प्रवासी मजदूरों के छात्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिससे परिवार के पलायन के बाद भी उनके बच्चों की पढ़ाई में कोई असर न पड़े।
समूह बनाकर दी जाएगी शिक्षा
कक्षा १ से ८वीं तक के बच्चों का समूह बनाया जाएगा। उसके बाद प्रत्येक समूह अलग-अलग समय पर बुलाकर शिक्षा दी जाएगी। इसके साथ ही गांव-गांव जाकर शिक्षकों द्वारा घर हमारा विद्यालय के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिससे पढ़ाई की निरंतरता बनी रहे।
इनका कहना
शिक्षा केंद्र द्वारा प्रवासी मजूदरों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वह दुवारा माता पिता के साथ पलायन नहीं कर जाए। उनके लिए विशेष पलायन छात्रावास का प्रबंध किया जाएगा। जिससे बच्चें उनमें रहकर पढ़ाई कर सके। इसके साथ ही घर हमारा विद्यालय में भी पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है।
हरिश्चंद्र दुबे डीपीसी सर्व शिक्षा अभियान टीकमगढ़।
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