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स्कूलों में खेलों का गिर रहा ग्राफ, खेल शिक्षकों को नहीं दी जिम्मेदारी

locationटीकमगढ़Published: Feb 24, 2020 04:38:51 pm

Submitted by:

akhilesh lodhi

छात्र-छात्राओं को खेल में प्रतिभाशाली बनाने के लिए एक वर्ष में ६० प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है।

 Those who do not have knowledge of sports, are posted, 42 types of sports competitions are held

Those who do not have knowledge of sports, are posted, 42 types of sports competitions are held

टीकमगढ़.छात्र-छात्राओं को खेल में प्रतिभाशाली बनाने के लिए एक वर्ष में ६० प्रकार के खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। जिसके लिए प्रत्येक छात्रों से खेल के नाम फीस भी ली गई है। लेकिन उनके खेलों में खिलाडियों को प्रशिक्षण देने के लिए खेल शिक्षकों को तैनात नहीं किया जाता है। जिसके कारण करीब चार वर्षो से संभागीय और प्रदेशस्तर पर जिले की खेल प्रतियोगिताएं नहीं पहुंच पाई है।
कक्षा ५ से १२वीं तक के विद्यालयों में ६० प्रकार के खेलों को कराने के लिए छात्र-छात्राओं से फीस लेने के साथ शासन द्वारा मद्द दी जाती है। जिसके तहत संकुल, ब्लॉक, जिला और संभागस्तर पर खेल प्रतियोगिताए आयोजित की जाती है। लेकिन उन प्रतियोगिताओं में जिला शिक्षा विभाग द्वारा प्रशिक्षित खेल शिक्षक ों को तैनात नहीं किया जाता है। जिसके कारण छात्रों को खेल संभाग और प्रदेशस्तर पर खिलाड़ी नहीं पहुंच पा रहे है। जबकि खेल प्रशिक्षित शिक्षक संघ द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी के साथ कलेक्टर को शिकायत कर चुके है।
शासन के व्यय पर हर साल होते २० शिक्षक प्रशिक्षित
प्रदेश के तात्या टोपे राज्य शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय में शासन के व्यय पर एक और दो वर्ष का खेल डिप्लोमा करने के लिए २२ शिक्षकों को भेजा जाता है। सभी सभी शिक्षकों को खेल के नियमों को बताकर ट्रैंड किया जाता है। लेकिन जिला खेल अधिकारी द्वारा जिले में होने वाले खेल प्रतियोगिताओं में प्रशिक्षित खेल शिक्षकों तो को तैनात न करके अनट्रैंड और दिव्यांग शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जाती है। जो खिलाडियों को ट्रैंड करने में असफल रहते है।
जिले में ९ टैंड और २२ प्रशिक्षित खेल शिक्षक
खेल शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने बताया कि जिले में होने वाली विभिन्न प्रकार की खेल प्रतियोगिताओं में प्रशिक्षित शिक्षकों को तैनात नहीं किया जाता है। जबकि जिला शिक्षा विभाग के पास पहले से ९ ट्रैंड और २२ प्रशिक्षित खेल शिक्षक पदस्थ है। इसके साथ ही उन खेल शिक्षकों को हायर सेकेंडरी और हाईस्कूलों में तैनात नहीं किया गया है। जिसके कारण करीब चार वर्षो से जिले के खिलाड़ी संभाग और प्रदेश स्तर पर नहीं पहुंच पाए है।

खेल के नाम पर हर साल ली जाती खेल के नाम पर फीस
जिले में ७५ हजार ६०३ छात्र-छात्राओं से ५८ लाख २७ हजार २० रुपए खेल के नाम फीस ली जाती है। इस राशि से खेल खर्च के विभिन्न कार्यो में खर्च किया जाता है। लेकिन जिला शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा राशि को तो खर्च किया जाता है। लेकिन प्रशिक्षित शिक्षकों से खिलाडियों को सिखाया नहीं जाता है। जिसके कारण जिला खेल के मामले में पीछे पड़ा हुआ है।
ये खिलाएं जाते खेल
जिलास्तरीय, संभाग स्तरीय, राज्यस्तरीय खेलकूं द प्रतियोगिताओं में छात्रों को शासन द्वारा इन खेलों को खिलाना अनिवार्य रखा गया है। जिसमें बॉक्सिंग, तलवारबाजी, फुटवाल, टेबिल टेनिस, कूडो, बेसबाल, किक बाक्सिंग, हॉकी, खो खो, बाल बेडमिंटन, जूडो, शतरंज, बालीबाल, सॉफ्टबाल, हैण्डबॉल, बॉलीवाल, कराटे, सॉफ्टबाल, तैराकी, कब्ड्डी, रोप स्पीकिंग, रस्स्ी कंूद, क्रिकेट, लेप क्रिकेट, ताई कमांडों, हैंडबाल, बास्केड बाल के साथ ६२ प्रकार के खेल कराए जाना चाहिए।
प्रतिवर्ष जाते थे ६० से ७० खिलाडी
कुण्डेश्वर से तैराकी, खो-खो योगा, फुटबाल के साथ अन्य प्रतियोगिताओं में प्रति वर्ष ६० से ७० छात्र-छात्राएं संभाग से प्रदेश स्तर पर खेल में शामिल होते थे। इसके साथ ही तीन वर्ष पहले तैराकी में अण्मान निकोबार दीप में तैराकी में जिले की टीम गई हुई थी। प्रशिक्षिक शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाने के कारण खिलाडी खेल में नहीं पहुंच पा रहे है।
ऐसे करते है खेल की राशि को जाम
शासन स्तर पर छात्रों के लिए खेलकूंद में दर्जनों योजनाएं संचालित हो रही है। जिले में २०७ हाईस्कूल और हायरसेकेंड्ररी स्कूल में प्रवेश लेने वाले कक्षा ९ वीं,१०वीं के छात्रों से ६ रुपए महीना और कक्षा ११वीं,१२वीं छात्रों से १० रुपए महीना के हिसाब से खेल क्रीड़ा की शुल्क जमा करा ली जाती है। उस राशि को १५ प्रतिशत संयुक्त संचालक लोक शिक्षण संभाग सागर, ४० प्रतिशत स्कूल कार्यालय में जमा करके ४५ प्रतिशत जिलाशिक्षा अधिकारी के बैंक खाता में जमा करा लिया जाता है। खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्रों पर खर्चा की जाती है।
इनका कहना
खेल शिक्षकों को तो तैनात किया ही जाता है, इसके साथ ही अनुभवी कर्मचारियों को तैनात किया जाता है। आरोप प्रत्यारोप तो लगाए जाते है। तो एक और दो वर्ष के खेल डिप्लोमा दिए है। उन्हें शासन के आदेश पर ही उन्हें खेलों में तैनात किया जाएगा।
एसडी अहिरवार जिला खेल क्रिडाअधिकारी टीकमगढ़।
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