पंचकल्याणक महोत्सव का समापन सात गजरथ परिक्रमा हुई पूर्ण
टीकमगढ़Published: Feb 23, 2023 07:56:34 pm
माता बेटी बाई ढोगा मैदान में 17 फरवरी से आयोजित मजिज्नेंद्र पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का गुरुवार को गजरथ परिक्रमा के साथ समापन हो गया है। शाम ४.२० बजे तक सात गजरथ परिक्रमा पूरी हुई। जिसमें ५० हजार से अधिक लोग शामिल हुए। गजरथ महोत्सव को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ जिलों के लोग भी आए थे।


thousands of attendees
टीकमगढ. माता बेटी बाई ढोगा मैदान में 17 फरवरी से आयोजित मजिज्नेंद्र पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव एवं विश्व शांति महायज्ञ का गुरुवार को गजरथ परिक्रमा के साथ समापन हो गया है। शाम ४.२० बजे तक सात गजरथ परिक्रमा पूरी हुई। जिसमें ५० हजार से अधिक लोग शामिल हुए। गजरथ महोत्सव को देखने के लिए विभिन्न राज्यों के साथ जिलों के लोग भी आए थे। मैदान में महिला, युवा और युवतियों की टुकडिय़ों ने अलग-अलग कतव्र्य दिखाए।
गुरुवार की सुबह 5. 30 बजे से मंगलाष्टक शांति मंत्र, सुबह 6 से श्रीजी का अभिषेक शांतिधारा नित्यम पूजन जिनवाणी पूजन देव शास्त्र गुरु पूजन संपन्न हुई। उसके बाद सुबह 7. 38 पर भगवान को निर्वाण की प्राप्ति हुई। मुनि ने कहा कि भगवान आदिनाथ कैलाश पर्वत से निर्वाण को प्राप्त हो जाते हैं। चार अग्निकुमार देव आकर भगवान के शरीर की अंतिम क्रियाएं नाक और केश का विसर्जन करते हैं। इसके बाद महायज्ञ, हवन की क्रिया संपन्न करके यज्ञ में सभी महा पात्रों, इंद्र इंद्राणीओं ने आहुति दी।
शाम ४.२० बजे तक गजरथ की सात परिक्रमा हुई पूर्ण
कार्यक्रम की मीडिया प्रभारी प्रदीप जैन ने बताया कि दोपहर 2. 20 पर पंचकल्याणक महोत्सव की गजरथ परिक्रमा शुरू हुई। गजरत फेरी में पांच रथ शामिल थे, रथों के पीछे इंद्र, इंद्राणी चल रहे थे। नंदीश्वर युवक मंडल वीर व्यायामशाला के युवा साथी जय जिनेंद्र कार्यकारिणी के युवा साथ में थे। गजरथ फेरी में निर्यापक मुनि सुधा सागर महाराज, छुल्लक 105 गंभीर सागर महाराज थे। सौधर्म इंद्र कुबेर महाराज, भगवान के माता पिता, महायज्ञ नायक हाथी के रथ पर सवार थे। यज्ञ नायक राजा सोम राजा श्रेयांश भरत बाहुबली ब्रह्मइंद्र सहित अनेक इंद्र, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर रथ पर सवार होकर परिक्रमा में चल रहे थे। शाम 4. 20 बजे गजरथ की सात परिक्रमा पूरी हुई। गजरथ देखने के लिए शहर सहित देश के अनेक शहरों से अनेक नगरों से टीकमगढ़ शहर के आसपास ग्रामीण क्षेत्रों से करीब 50 हजार से अधिक लोग पंचकल्याणक गजरथ महोत्सव के साक्षी बने।