विभिन्न विभागों के पास खाली और अनुपयोगी पड़ी जमीनों को शासन ने नीलाम कर राजस्व संग्रहित करने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सबसे पहले बसस्टैंड के पास स्थित परिवहन विभाग की 4.13 एकड़ जमीन को नीलाम किया जाएगा। इस जमीन की नीलामी के लिए टेंडर जारी किए जा चुके है। सड़क विकास निगम द्वारा जारी किए गए इस टेंडर में बेस प्राइज 15.45 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है। अब टेंडर डालने वाले को इससे अधिक कीमत पर ही जमीन लेनी होगी। विभाग की माने तो इससे कम दर के टेंडर स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
सालों से खड़ी पड़ी थी जमीन
विदित हो कि शासन द्वारा सालों पूर्व परिवहन विभाग को बंद कर दिया गया है। इस जमीन पर पूर्व में परिवहन विभाग की डिपो थी और यहां पर बसें रखी जाती थी। विभाग बंद होने के बाद से यह जमीन खाली पड़ी हुई थी। जमीन टीकमगढ़-छतरपुर हाईवे से लगी हुई है। टेंडर जारी होने के बाद से तमाम प्रोपर्टी डीलरों के बीच यह चर्चा का विषय बनी हुई है, हालांकि इसकी कीमत सभी को ज्यादा लग रही है। ऐसे में कोई भी टेंडर डालने के पक्ष में नहीं दिख रहा है।
लक्कड़ खाना की भी तैयारी
विदित हो कि जिला मुख्यालय पर स्थित लक्कडख़ाना की जमीन को भी नीलाम किया जाएगा। यह जमीन लोक निर्माण विभाग के अधीन थी और यहां पर पुराने सरकारी आवास बने हुए है। इसे भी अनुपयोगी जमीन में शामिल किया गया है। इसके साथ ही जिले की कुछ अन्य जमीनों को भी नीलाम करने के लिए राजस्व विभाग के अधीन कर दिया गया है।
पन्ना की जमीन को नहीं मिले खरीदार
वहीं विभागीय सूत्रों की माने तो शासन के निर्देशन पर पन्ना की चार एकड़ जमीन के भी टेंडर लगाए गए थे। यहां की जमीन 6 करोड़ में नीलाम की जानी थी, लेकिन दो बार टेंडर लगने के बाद भी खरीदार नहीं मिले है। इन जमीनों को खरीदार न मिलने के पीछे की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि इसे खरीदने के लिए खरीदार को पूरी राशि नंबर एक में दिखानी होगी। जिले में भी शायद ही कोई इतना बड़ा खरीदार मिले, जिसके पास 15 करोड़ की नंबर एक में रकम हो।