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बस स्टैंड की वीरानी टूटी, पर यात्रियों की संख्या नगण्य

locationटीकमगढ़Published: Sep 14, 2020 08:08:20 am

Submitted by:

akhilesh lodhi

वैश्विक महामारी कोविड १९ संक्रमण को फैलने से रोकने लिए लाकडाउन -1 के बाद से वीरान शहर के दोनों बस स्टैंड पर शनिवार को चहल-पहल शुरू हो गई।

 Economic situation in Corona era broken, pressure is on to deposit bills

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टीकमगढ़.वैश्विक महामारी कोविड १९ संक्रमण को फैलने से रोकने लिए लाकडाउन -1 के बाद से वीरान शहर के दोनों बस स्टैंड पर शनिवार को चहल-पहल शुरू हो गई। करीब पांच महीने बाद बस स्टैंड से बसें चली लेकिन यात्रियों की संख्या नगण्य ही रही। इसी तरह बस स्टैंड से पूरी क्षमता से बसें अपने गंतव्य की ओर रवाना नहीं हुई। जानकारों के अनुसार बस स्टैंड से फिलहाल क्षमता के मुकाबले ३० प्रतिशत बसें ही रूट पर चलेंगी। धीरे-धीरे इसे बढ़ा कर ५० प्रतिशत और फिर इससे अधिक किया जाएगा। बस स्टैंड से झांसी, बनपुरा, ग्वालियर, सागर, भोपाल आदि शहरों के लिए बसें चली लेकिन किसी बस में तीन-चार यात्री बैठे थे तो किसी बस में महज एक-दो यात्री ही बैठे थे। वहीं बस स्टैंड परिसर में दो-चार दुकानें और एक-दो ठेले पर ही चाय बेचते नजर आए। हालात यह है कि स्थानीय बस स्टैंड पर पांच महीने बाद यहां पसरी वीरानी तो टूटी है लेकिन यात्रियों की संख्या नगण्य है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में यात्रियों की संख्या बढ़ेगी। टीकमगढ़ से बर्नपुरा जा रही बस में बस चालक, कंडक्टर के अलावा सिर्फ एक यात्री ही बैठा था। बस चालक राजेश रूट पर आगे यात्री भार बढऩे की उम्मीद में बस को गंतव्य की ओर रवाना कर देते हैं।
सफर से परहेज कर रहे यात्री
कोरोना संक्रमण के चलते लोग अभी भी सहमे हुए हैं। टीकमगढ़ व निवाड़ी जिलों में आए दिन कोरोना पाजीटिव मरीज मिलने के कारण लोग यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। बहुत जरूरी होने पर ही यात्री मजबूरी में बस से सफर करने की हिम्मत जुटा पाते हैं। कोरोना का खौफ अभी भी यात्रियों के चेहरे पर देखा जा सकता है।
सतर्कता बरत रहे बस संचालक
बस संचालक सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार बसों में सेनेटाइजर और मास्क भी रखने लगे हैं। जो यात्री बिना मास्क के पहुंच जाते हैं तो उन्हें बस संचालक मास्क उपलब्ध कराते हैं। इसी तरह बसों में अनिवार्य रूप से सेनेटाइजर रख रहे हैं और समय-समय पर इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं।


इनका कहना है
विभिन्न रूटों पर हमारी करीब २६ बसें चलती हैं। फिलहाल, ३० से ४० प्रतिशत तक ही बसें चल सकेंगी। बस में मास्क व सेनेटाइजर वैगेरह रख कर जरूरतमंदों को उपलब्ध कराते हैं। लाकडाउन में पांच महीने का टैक्स कई राज्यों ने माफ कर दिया है, हमने भी इस संबंध में राज्य सरकार अनुरोध किया है। किराये को लेकर मुख्यमंत्री सोमवार को अंतिम फैसला लेंगे। यात्री भार अक्टूबर के बाद ही समान्य होगा। वैसे सब कुछ ठीक रहा तो दिसम्बर तक स्थिति बेहतर होगी।
बीके जायसवाल, ओरछा ट्रांसपोर्ट, टीकमगढ़
लाकडाउन से पहले डीजल ६८ रुपए प्रति लीटर था जबकि अब ८२ रुपए प्रति लीटर है। हमारी मांग तो सरकार से यही है कि या तो किराया बढ़ाया जाए या फिर डीजल पर वेज कम किया जाए। हालांकि सरकार ने अप्रैल से अगस्त तक पूरा तथा सितंबर में रोड टैक्स आधा करने करने का आश्वासन दिया है। सरकारी आदेश का इंतजार है। हमने बस अभी चलवाना शुरू नहीं किया है।
प्रद्युम्न सिंह सोलंकी, अध्यक्ष, जिला बस आपरेटर्स, एसोसिएशन, टीकमगढ़।
हमारी बस एक अक्टूबर से चलेगी। हमारी कुल १६ बसें चलती थी लेकिन अक्टूबर से पांच-छह बसें ही चलेंगी। इस पांच महीने में बस खड़ी रहने के कारण कारण मेंटिनेंस और इंश्योरेंश में ही ६ से ७ लाख रुपए लगेंगे। सरकार ने भी टैक्स में पूर्ण माफ नहीं किया है। स्थिति सामान्य होने में अभी पांच-छह महीने और लगेंगे।
अंकित बाधवा, श्री शेर सिंह (हरिओम) बस सर्विस, टीकमगढ़
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