गलियों और मोहल्लों में संचालित है निजी स्कूल
जिले में अवैध रूप से संचालित गैर मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के भरमार से छात्रों का भविष्य अंधकारमय होता जा रहा है। अभिभावकों के लिए यह पता लगाना कठिन हो गया है कि कौन मान्यता प्राप्त स्कूल है और कौन नहीं। स्कूलों के तामझाम और आडंबर में फ ंस कर मध्यम वर्गीय परिवारों के लोग अपने पालको नामांकन तो करा लेते हैं। लेकिन धरातल पर देखा जाए तो ऐसे विद्यालयों के पास न तो कुशल शिक्षक है और न ही अन्य संसाधन।
मान्यता के बिना ही खोल लेते हैं स्कूल
पत्रिका ने इस मामले में पडताल की तो मालूम हुआ कि अधिकांश नए स्कूल मान्यता लेने के पहले ही खोले गए है। मान्यता की प्रक्रिया ही इतनी खराब है कि जिम्मेदार समय-सीमा का भी ध्यान नहीं रखाते है। दरअसल किसी व्यक्ति को यदि स्कूल खोलना है तो जरूरी नहीं कि वहां एडमिशन हो। एडमिशन होने के बाद मान्यता के आवेदन लगाए जाते हैं। क्योकि जिला शिक्षा केंद्र में अभी ऐसे दर्जनों अशासकीय स्कूल है। जिन्हें अभी भी मान्यता नहीं दी गई है।
यह है प्राईवेट स्कूल
जिले में गली मोहल्लों में दो और चार कमरों में सैकडों कक्षा 1 से 8वीं तक 275 के करीब प्राईवेट स्कूल और 60 के करीब हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल है। इन स्कूलों में जिला शिक्षा केंद्र की निगरानी समिति द्वारा कभी भी निरीक्षण नहीं किया जाता है।
इनका कहना
जिले में अशासकीय स्कूल मान्यता 8वीं तक की लिए, 9वीं और 10वीं की कक्षाओं को संचालित कर रहे है। वह गलत है। जिला शिक्षा केंद्र द्वारा अशासकीय स्कूलों की जांच के लिए अभियान चलाया जाएगा। अभियान चलाकर स्कूलों में छात्रों को दी जाने वाली सुविधाओं की जांच की जाएगी। जिस स्कूल सुविधाएं नहीं होगी। उन पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जाएगी।
अजब सिंह ठाकुर जिला शिक्षा अधिकारी टीकमगढ़।
शहर और जिले में ऐसे कई स्कूल है,जिनमें छात्रों के लिए न तो कुशल शिक्षक है और न ही खेल मैदान। संबंधित स्कूलों की जांच के लिए बरिष्ठ अधिकारियों को पत्र देगें।
हरीशचंद्र दुबे डीपीसी सर्व शिक्षा अभियान टीकमगढ़।
शिक्षा विभाग द्वारा डेफोडल स्कूल को कक्षा 8वीं तक मान्यता दी है। स्कूल में कक्षा 9वीं और 10वीं के छात्रों को कॉचिंग के उद्देश्य से पढाया जाता है।
सुनील मजूमदार संचालक डेफोडल स्कूल टीकमगढ़।