पत्थरों पर उकेर दिया पाठ्यक्रम
करीब 12 साल से शिक्षक संजय जैन प्राथमिक शाला डूडा में पदस्थ हैं और बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे हैं। पढ़ाने का तरीका भी ऐसा है कि बच्चे आसानी से पाठ्यक्रम को याद कर लेते हैं। दरअसल कक्षा में पढ़ाई कराने के साथ साथ टीचर संजय ने स्कूल परिसर की दीवारों और स्कूल के आसपास के पत्थरों पर पूरा पाठ्यक्रम ही उतार दिया है। हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित या फिर सामान्य ज्ञान लगभग सभी विषयों की जानकारी स्कूल परिसर और उसके आसपास के पत्थरों पर लिखी हुई है। अंग्रेजी में महीनों के नाम, अंग्रेजी पोयम, सामान्य ज्ञान की बातें, गणित के छोटे छोटे सूत्र, चतुर्भुज, त्रिभुज की आकृतियां, हिन्दी वर्णमाला और अंग्रेजी के अक्षर दीवारों और पत्थरों पर अंकित हैं जिन्हें देखकर बच्चों का रिवीजन हो जाता है और वो उन्हें पढ़ना सीख जाते हैं। जब भी बच्चे इन पत्थरों के पास से गुजरते हैं तो ये पत्थर उन्हें रोजाना पाठ पढ़ाते हैं।
शिक्षक दिवस पर मिलेगा राष्ट्रपति सम्मान
शिक्षक संजय जैन के बच्चों के प्रति इस जज्बे को देखते हुए अब उनका चयन राष्ट्रपति सम्मान के लिए किया गया है और उन्हें शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा। शिक्षक संजय जैन को साल 2018 में राज्यपाल सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है। वो टीकमगढ़ जिले के पांचवे शिक्षक हैं जिन्हें राष्ट्रपति सम्मान हासिल होगा।
इन्हें मिल चुका है राष्ट्रपति सम्मान
– जिले में पहला राष्ट्रीय पुरस्कार 1966 में प्रधानाध्यापक प्राइमरी स्कूल पृथ्वीपुर के स्व. मोतीलाल त्रिवेदी को मिला था ।
– 1972 में प्रधानाध्यापक प्राइमरी स्कूल जतारास्व. परशुराम दीक्षित बैरवार जतारा को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला।
– 1976 में प्रधानाध्यापक कन्या माध्यमिक स्कूल टीकमगढ़ की सावित्री देवी पटैरिया को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला।
– 2001 में वरिष्ठ अध्यापक शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय के राजेंद्र मिश्रा को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला ।
और अब 19 साल बाद प्रधानाध्यपक संजय जैन को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।