scriptपत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को आजीवन कारावास | Used to demand dowry | Patrika News

पत्नी को जिंदा जलाने वाले पति को आजीवन कारावास

locationटीकमगढ़Published: Jun 24, 2019 08:57:35 pm

Submitted by:

anil rawat

लगभग दो वर्ष पूर्व उसने शराब के नशे में अपनी पत्नी के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी।

Used to demand dowry

Used to demand dowry

टीकमगढ़. निवाड़ी थाने के ग्राम विनवारा में एक पति ने दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को प्रताडि़त करता था। लगभग दो वर्ष पूर्व उसने शराब के नशे में अपनी पत्नी के ऊपर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी थी। इस घटना के कुछ दिन बाद उपचार के दौरान पत्नी की मौत हो गई थी। इस मामले में न्यायालय ने आरोपी पति को आजीवन करावास की सजा सुनाई हैं।


मामले की जानकारी देते हुए अपर लोक अभियोजक रतन सिंह ठाकुर ने बताया कि निवाड़ी थाने के ग्राम विनवारा निवासी विपिन पटैरिया ने पूजा अहिरवार के साथ विवाह हुआ था। इसके बाद इन दोनों को एक पुत्र हुआ था। विवाह के बाद से विपिन अपनी पत्नी को दहेज के लिए प्रताडि़त करता था। वहीं पूजा का कहना था कि उसके परिजन गरीब हैं और वह दहेज की मांग पूरी नही कर सकते हैं।

 

लगा दी थी आग: रतन सिंह ठाकुर ने बताया कि लगभग 2 वर्ष पूर्व 17 जनवरी 2017 को जब पूजा खाना बना रही थी, उसी समय विपिन शराब पीकर घर आया। शराब के नशे में उसे पूजा से कहा कि न तो अब तक खाना बना हैं और न ही तू अपने पिता से दहेज ला रही हैं। इसके बाद उसने पूजा के ऊपर मिट्टी का तेल डाल कर आग लगा दी। पूजा को आग की लपटों में जलता देखने के बाद विपिन ने उसके ऊपर पानी डालकर आग बुझा दी। इस घटना में पूजा गंभीर रूप से घायल हो गई थी। इसके बाद विपिन ने उसे कथरी में लपेट कर उसके घर ले गया। यहां पर पूजा के शरीर से मिट्टी के तेल की बद्बू आ रही थी। वहीं पूजा ने अपने परिजनों को सारी घटना बताई और परिजन उसे लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। यहां पर पूजा को प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टरों ने झांसी मेडीकल के लिए रेफर कर दिया। झांसी में 18 जनवरी 2017 को पूजा की उपचार के दौरान मौत हो गई। इस घटना के बाद पुलिस ने आरोपी विपिन के खिलाफ धारा 304बी, 498ए एवं दहेज प्रतिषेध अधिनियम की धारा 3/4 के तहत मामला दर्ज कर लिया था।


यह सुनाई सजा: इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आरोपी विपिन पटैरिया को धारा 304बी में आजीवन कारावा एवं 1 हजार रुपए अर्थदण्ड, धारा 498ए में तीन वर्ष के कठोर कारावास एवं 1 हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई हैं। अर्थदण्ड अदा न करने पर न्यायालय ने दोनों धाराओं में 6-6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा से दंडित किया हैं। यह सजाएं एक साथ चलेगी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो