हटा, एरोरा और तालमऊ, नयागांव में कब्जा
ग्रामीणों का कहना था कि वीट प्रभारियों द्वारा कब्जाधारियों को शरण दी जा रही है। जिसके कारण हटा से एरोरा तक और तालमऊ के साथ डिकौली और नयागांव में कब्जा जमाए हुए है। इसके साथ ही कुडयाला गांव चौधरी खिरक सड़क किनारे वन भूमि को जोतकर फसलों को बो दिया है। जिसकी शिकायत इमलाना सरपंच द्वारा पूर्व में की गई थी। लेकिन मामले को लेकर वनरेंजर द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है।
मोहनगढ़ रेंज में जमकर हुआ कब्जा
क्षेत्र के भौरगढ़ के साथ दरगांय कलां, पंचमपुरा, मस्तापुर, गोर और मालपीथा और दरयाव गांव के साथ मझगुवां में ग्रामीणों द्वारा वन विभाग की जमीन पर बाडा बना लिया है। इसके साथ ही उस जमीन से पत्थरों के साथ रेत का कारोबार भी किया जा रहा है। जिसकी सूचना किसानों द्वारा वनरेंजर को लिखित में शिकायत की गई थी। इसके साथ ही कब्जा हटाने की मांग की गई थी।
चलाया गया अभियान, लेकिन नहीं हुई कार्रवाई
वन भूमि पर किए गए कब्जा को हटाने को लिए विभाग द्वारा अभियान चलाया गया था। लेकिन अभियान सिर्फ नाममात्र के लिए रहा। किसी भी कब्जाधारियों पर कार्रवाई नहीं की गई है।
वनरेंजरों ने कहा नहीं है जानकारी
टीकमगढ़ के वनरेंजर राजेंद्र पस्तौर का कहना था कि मामले में कार्रवाई तो प्रतिदिन हो रही है। लेकिन जानकारी नहीं है। यह भी जानकारी नहीं है कि रेंज का एरिया कितना और कहां-कहां कब्जा किए गए है। वहीं जतारा वनरेंजर वैभव चौहान को दो बार फोन द्वारा सम्र्पक किया गया। लेकिन दोनों बार जानकारी देने से बचते रहे। दोनों बार बहाना बनाकर बात को टालने की बात की गई। इसके साथ ही बल्देवगढ़ वनरेंजर सुचिता मिश्रराम को फोन लगाया गया। लेकिन उनके द्वारा फोन नहीं उठाया गया।
इनका कहना
जहां-जहां वन भूमि पर कब्जा करके फसल बोई गई है। उन स्थानों को चिन्हित किया जाएगा। अगर कब्जा करवाने में विभाग के किसी भी कर्मचारी का सहयोग होगा तो जांच कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
एपीएस सेंगर डीएफओ टीकमगढ़।