पहाड़ी तिलवारन निवासी राजू यादव पुत्र छंदी यादव 50 वर्ष की बेटी का मंगलवार को अक्षय तृतीया के शुभ मुहुर्त पर विवाह संपन्न हो रहा था। यह विवाह का कार्यक्रम शिवधाम कुण्डेश्वर में चल रहा था। मंगलवार को बारात आने के बाद पूरा परिवार बारात की आगवानी के बाद विवाह के अन्य कार्यक्रमों में लगा हुआ था। वहीं बेटी के पिता को परिजन घर पर छोड़ आए थे, कि जब उनकी आवश्यकता होगी, उन्हें बुला लिया जाएगा। पूरी रात वर और वधु पक्ष के लोग उल्लास और खुशी से विवाह के कार्यक्रम संपन्न कराते रहे। सुबह 4 बजे के लगभग जब पैर पखराई की रस्म होनी थी, तो परिजनों ने बेटी के पिता राजू यादव को बुलाने के लिए परिवार के सदस्यों को भेजा।
फंदे पर झूलते मिले: परिवार के सदस्य जब राजू को लेने पहुंचे तो वह अपने कमरे में फंदे पर झूल रहे थे। राजू को फंदे पर झूलता देख तो जैसे सभी के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। वहां बेटी अपने भावी खुशमय दाम्पत्य जीवन के सपने संजोए मंडप में बैठी थी और इधर पिता ने फंदा लगाकर जान दे दी थी। लोगों को समझ में नही आ रहा था कि आखिर करें तो क्या करें। पहले बेटी की विदाई करें या पिता के अंतिम संस्कार की तैयारियां। जैसे-तैसे गांव के लोगों ने स्थिति को संभाला और पुलिस को इसकी सूचना दी। वहीं बिना किसी उल्लास के रिश्तेदारों ने बेटी को विदा कर दी। यह ऐसी घड़ी थी जब हर किसी की आंख नम थी।
मानसिक रोगी थे राजू: मृतक राजू के भाई मुन्नालाल यादव ने बताया कि गर्मियों के दिनों में इनकी मानसिक स्थिति ठीक नही रहती थी। इसके चलते इन पर भी लोग ध्यान देते थे। गर्मी होने के कारण इन्हें दिन भी कुण्डेश्वर नही बुलाया गया था। वहीं पुलिस ने इस घटना के बाद मर्ग कायम कर शव का पीएम कराकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया है। इस घटना के बाद से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। विदित हो कि 15 मई को मृतक राजू के पुत्र का विवाह होना था।