इन खदानों पर नहीं रेत, इसके बाद भी शहर में रेत
विभाग के अनुसार जिले में प्रेमपुरा रेत खदान, बडमाडई, रामगढ़, पराई नदी, थरघाट, पिपरट घाट, हदयनगर, बम्होरी नकीवन, महेबा चक्र, खेरा मोहनगढ़ में रेत नहीं है। वहीं विजयपुर ,खेरा, टांनगा, वीरपुरा, उपरार, सफरार, पचौरा, रामगढ़, संजयनगर, कछौरा, भानपुरा, निवाड़ी, ओरछा, मोहनगढ़ सहित अन्य स्थानों से रेत नहीं है। लेकिन विभाग द्वारा जांच की जाए तो सबसे अधिक रेत इन्हीं बंद रेत खदानों से रेत निकाली जा रही है।
पांच माह पहले हो चुकी भण्डार स्वीकृति की समाप्ति
मोहनगढ़ तहसील के केशरमढ़ में आरके जैन इनफ्रा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा खनिज उत्पादों का भण्डारण करने के लिए २७ मार्च २०१८ से २६ सितम्बर २०१९ तक स्वीकृति ली गई थी। लेकिन यह स्वीकृति पांच माह पहले समाप्त हो गई है। इसके बाद भी खनिज विभाग द्वारा कार्रवाई नहीं की जा रही है। जहां पर अवैध उत्खनन के साथ अन्य खनिज उत्पादों का भण्डारण किया जा रहा है।
यहां बनाई जा रही रेत
रेत का व्यवसाह चरम सीमा पर है। जहां किसानों ने भी मुख्य कार्य छोड़ खेतों से मिट्टी निकालकर रेत बनाने का कार्य शुरू कर दिया है। जिसमें सबसे ज्यादा समर्रा, राधेपुर, पौटेया, अजनौर, सापौन, रसोई, नगारा, सांतखेरा, सुंदरपुर, पठलाखेरा, सूडाधर्मपुरा, रामनगर, बडमाडई, बुडेरा, हनुमानसागर के साथ सैकड़ों गांवों में कार्य शुरू हो गया है।
इनका कहना
जिले में एक ही रेत खदान चालू और एक ही रेत का डम्प लगा हुआ है। रेत चौरी के मामलों पर भी कार्रवाई की जा रही है। जहां-जहां रेत चौरी की जा रही है। उन स्थानों को चिन्हित किया जा रहा है। इसके बाद टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशांत तिवारी खनिज अधिकारी टीकमगढ़।